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क्या भारत‑EU का कॉल बना नए ग्लोबल पार्टनरशिप का पॉइंट ? जानिए पीएम मोदी ने फोन पर क्या बातें कीं

India-EU Strategic Partnership: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं से टेलीफोन पर बात की।

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भारत

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MI Zahir

Sep 04, 2025

India-EU Strategic Partnership

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन। (सांकेतिक फोटो: आईएएनएस)

India-EU Strategic Partnership: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने गुरुवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग (India-EU Strategic Partnership) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से संयुक्त रूप से फोन (Modi EU Leaders Call) पर बात की। उन्होंने रूस‑यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine Peace Talks), वैश्विक स्थिरता और आर्थिक हितों जैसे कई अहम विषयों पर विचार-विमर्श किया। मोदी ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत और भरोसे पर आधारित संबंध हैं, जो साझा मूल्यों और समान दृष्टिकोण पर टिका है। दोनों पक्षों ने अनुभव साझा किए कि इस साझेदारी से वैश्विक स्थिरता, नियम आधारित व्यवस्था और पारस्परिक समृद्धि को बल मिलेगा।

व्यापार और निवेश में क्या दांव पर लगी है ?

दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, सुरक्षा और सप्लाई-चेन लचीलेपन के क्षेत्रों में प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने भारत‑EU मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ता को शीघ्र पूरा करने और IMEEC आर्थिक गलियारे पर कार्रवाई तेज़ करने की संयुक्त प्रतिबद्धता व्यक्त की।

अगले India-EU शिखर सम्मेलन की योजना

भारत की ओर से EU नेताओं को अगले भारत‑EU शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है। दोनों पक्ष अगले सम्मेलन को जल्द से जल्द आयोजित करने की इच्छा जताते हैं और इस अवसर पर रणनीतिक एजेंडे पर सहमति बनाने की बात भी उठी है।

शांति और स्थिरता में भारत की भूमिका

मोदी ने रूस‑यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई। वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पर भारत की शांति प्रयासों की वैश्विक सराहना की।

भारत की शांति दूत की छवि मजबूत हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोपीय नेताओं से फोन पर बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल चरम पर है। रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान में भारत की मध्यस्थता की संभावनाएं बार-बार सामने आती रही हैं, और इस बार की बातचीत ने एक बार फिर भारत की शांति दूत वाली छवि को मजबूत किया है। भारत की संतुलित कूटनीति को यूरोपीय संघ की तरफ से भी सराहना मिल रही है।

भारत‑EU का कॉल : सुलगते सवाल

क्या भारत यूरोपीय संघ के साथ रणनीतिक FTA को समय पर अंतिम रूप दे पाएगा ?

क्या भारत की पहल से रूस-यूक्रेन वार्ता की कोई नई दिशा खुलेगी ?

IMEEC कॉरिडोर पर 2025 तक क्या ठोस प्रगति दिखेगी ?

अगला भारत‑EU शिखर सम्मेलन कब और किन मुख्य एजेंडों के साथ आयोजित होगा ?

राजनीतिक स्थिरता के खिलाड़ी की छवि

क्या यूरोप में भारत की छवि अब सिर्फ IT और बाजार की नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीतिक स्थिरता के खिलाड़ी की बन रही है?

भारत और यूरोपीय संघ के संबंध सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि "नियम आधारित ग्लोबल ऑर्डर" की रचना की ओर बढ़ रहे हैं।

इस बातचीत से ये भी संकेत मिलता है कि भारत 2026 तक एशिया‑यूरोप के लिए एक नए व्यापारिक मॉडल और डिप्लोमैटिक हब के रूप में उभर सकता है।

समग्र प्रभाव: क्या वैश्विक परिदृश्य बदलेगा ?

बहरहाल पीएम मोदी का यह टेलीफोन वार्ता संकेत है कि भारत‑EU संबंध अब सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा सहयोग की नई ऊँचाइयों को छूने वाले हैं। इस वार्ता से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व गुटों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।