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Indian Railways: रिजर्वेशन सिस्टम में होने जा रहा बड़ा बदलाव, रेलवे ने दी नई जानकारी; यात्री ध्यान से पढ़ लें ताजा अपडेट

भारतीय रेलवे अपने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है, जिससे अब एक मिनट में 1 लाख टिकट बुक हो सकेंगे। वर्तमान में यह क्षमता 25,000 टिकट प्रति मिनट है। यह बदलाव दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे टिकट बुकिंग प्रक्रिया और भी तेज होगी

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भारत

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Mukul Kumar

Aug 09, 2025

रेल परियोजना में आएगी तेजी (Photo source- Patrika)

भारतीय रेल। फोटो- X/@RailMinIndia

भारतीय रेलवे अपने रिजर्वेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। विभाग की तरफ से इस संबंध में नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

दरअसल, अब रेलवे एक मिनट में 1 लाख टिकट निकालने का सिस्टम बना रहा है। फिलहाल प्रति मिनट 25,000 टिकट निकालने की व्यवस्था है। इसी तरह, रेलवे विभाग अपने रिजर्वेशन सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है।

पीआरएस सिस्टम को अपग्रेड कर रहा भारतीय रेलवे

जानकारी के मुताबिक, भारतीय रेलवे, रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के माध्यम से यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) को अपग्रेड कर रहा है। पीआरएस के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क डिवाइस, सुरक्षा अवसंरचना और कार्यात्मकताओं को नई तकनीक के साथ अपग्रेड और प्रतिस्थापित करने की तैयारी है।

फिलहाल जो पीआरएस सिस्टम है, वह 2010 से चल रही है। यह इटेनियम सर्वर और ओपन वीएमएस (वर्चुअल मेमोरी सिस्टम) पर चलती है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि वर्तमान पीआरएस प्रणाली को पारंपरिक तकनीकी प्रणालियों से नवीनतम क्लाउड तकनीक-संगत प्रणालियों में अपग्रेड करने की आवश्यकता है।

अब केवल 60 दिन पहले तक बुक कर सकते हैं टिकट

1 नवंबर, 2024 से, ट्रेनों में आरक्षित टिकटों की बुकिंग के लिए अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) को घटाकर 60 दिन कर दिया गया है, जिसमें यात्रा की तारीख शामिल नहीं है।

मंत्री ने कहा कि यह बदलाव बुकिंग को ध्यान में रखते हुए और अप्रत्याशित घटनाओं के कारण रद्दीकरण को कम करने के लिए किया गया है।

रेलवे ने हाल ही में RailOne ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप यात्रियों को मोबाइल फोन पर आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक करने में सक्षम बनाता है।

17,000 नॉन-एसी डिब्बों को बनाने का चल रहा काम

इस बीच, भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में गैर-वातानुकूलित डिब्बों का प्रतिशत उल्लेखनीय रूप से बढ़कर लगभग 70 प्रतिशत हो गया है। अगले 5 वर्षों में अतिरिक्त 17,000 नॉन-एसी जनरल और स्लीपर डिब्बों को बनाने का काम चल रहा है।

भारतीय रेलवे ने जनरल डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान ही, विभिन्न लंबी दूरी की ट्रेनों में 1,250 सामान्य डिब्बों का उपयोग किया गया है।