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इंडियन रेलवे दुनिया में बनी मिसाल, ब्रिटेन, रूस और चीन को पीछे छोड़कर रचा ये इतिहास

Indian Railway Electrification: भारतीय रेल ने ब्रिटेन, रूस और चीन को पीछे छोड़ते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

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भारत

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Devika Chatraj

Dec 18, 2025

इंडियन रेलवे की बड़ी उपलब्धि (ANI)

Indian Raiways Big Achievements: इंडियन रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। रेल मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रेल ने अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2 प्रतिशत हिस्सा विद्युतीकरण (इलेक्ट्रिफिकेशन) पूरा कर लिया है। इससे भारत अब ब्रिटेन (39%), रूस (52%) और चीन (82%) जैसे बड़े रेल नेटवर्क वाले देशों से काफी आगे निकल चुका है। अंतरराष्ट्रीय रेल संघ (UIC) की जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यह प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर सराहनीय है।

कितना हुआ इलेक्ट्रिफाइड?

यह उपलब्धि पिछले एक दशक में तेजी से हुई है। 2014 से 2025 के बीच 46,900 रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया, जो 2014 से पहले के लगभग 60 वर्षों में हुए कुल विद्युतीकरण (21,801 रूट किमी) से दोगुना से भी ज्यादा है। हाल के वर्षों में गति और बढ़ी – 2023-24 में 7,188 रूट किमी और 2024-25 में 2,701 रूट किमी का विद्युतीकरण पूरा हुआ।

14 जोन और 25 राज्य पूरी तरह इलेक्ट्रिफाइड

देश के 14 रेलवे जोन (जैसे सेंट्रल, ईस्टर्न, नॉर्दर्न, वेस्टर्न आदि) अब 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफाइड हो चुके हैं। 25 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का पूरा विद्युतीकरण पूरा कर चुके हैं। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव करते हुए अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में 100% नेटवर्क इलेक्ट्रिक हो चुका है, जबकि असम 92% के साथ अंतिम चरण में है।

पर्यावरण को मिलेगा बड़ा लाभ

यह बदलाव सिर्फ तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए वरदान है। रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में 89 प्रतिशत कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करता है। नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार -

  • सड़क से 1 टन माल को 1 किमी ले जाने पर 101 ग्राम CO₂ उत्सर्जन।
  • रेल से मात्र 11.5 ग्राम।

सोलर पावर पर जोर

आपको बता दें की भारतीय रेल अब सोलर पावर पर भी जोर दे रही है। देशभर के 2,626 रेलवे स्टेशनों पर 898 मेगावाट सोलर पावर शुरू हो चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारतीय रेल को नेट-जीरो कार्बन एमिटर बनाया जाए। सभी नई लाइनें और मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट अब शुरू से ही इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ स्वीकृत हो रहे हैं।