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भारत के दुश्मन हवा में उड़ जाएंगे, मल्टिलेयर एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में DRDO की बड़ी सफलता

DRDO ने 23 अगस्त 2025 को ओडिशा तट पर एकीकृत हवाई रक्षा शस्त्र प्रणाली (Integrated Air Defence Weapon System - IADWS) का पहला सफल परीक्षण किया।

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भारत

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Devika Chatraj

Aug 24, 2025

मल्टिलेयर एयर डिफेंस सिस्टम (IANS)

भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 23 अगस्त 2025 को ओडिशा तट पर एकीकृत हवाई रक्षा शस्त्र प्रणाली (Integrated Air Defence Weapon System - IADWS) का पहला सफल परीक्षण किया। यह मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है और भारत की वायु रक्षा को अभेद्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्या है IADWS?

IADWS एक स्वदेशी मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइलें और हाई-पावर लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल हैं। इस सिस्टम को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL) द्वारा विकसित केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। VSHORADS और DEW को रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) और सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज (CHESS) ने तैयार किया है।

परीक्षण में दिखी ताकत

23 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज द्वारा आयोजित इस परीक्षण में तीन अलग-अलग लक्ष्यों—दो हाई-स्पीड फिक्स्ड-विंग UAV और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोनको अलग-अलग रेंज और ऊंचाई पर एक साथ नष्ट किया गया। QRSAM, VSHORADS और हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम ने सभी लक्ष्यों को पूरी तरह से नष्ट कर अपनी अचूकता साबित की। रेंज उपकरणों ने डेटा कैप्चर कर इसकी सफलता की पुष्टि की।

रक्षा मंत्री ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी। उन्होंने अपने X पोस्ट में कहा, “इस अनूठे उड़ान परीक्षण ने देश की मल्टीलेयर एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित किया है और यह महत्वपूर्ण सुविधाओं को दुश्मन के हवाई खतरों से बचाने में मजबूती प्रदान करेगा।”

प्रधानमंत्री का ‘सुदर्शन चक्र’ विजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ‘सुदर्शन चक्र’ नामक इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 2035 तक इसे और विस्तारित, मजबूत और आधुनिक बनाया जाएगा। यह सिस्टम उन्नत निगरानी, साइबर सुरक्षा और भौतिक सुरक्षा को एकीकृत कर नागरिकों और बुनियादी ढांचे की रक्षा करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक और कदम

यह परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के लगभग तीन महीने बाद हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। IADWS ने मई में पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोककर अपनी प्रभावशीलता पहले ही साबित कर दी थी।

DRDO की आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रगति

DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने इस सफलता पर सभी टीमों को बधाई दी और इसे स्वदेशी तकनीकों से मल्टीलेयर एयर डिफेंस शील्ड बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूती देती है।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

IADWS भारत को इजरायल के आयरन डोम जैसे उन्नत रक्षा प्रणालियों की श्रेणी में ला खड़ा करता है। यह सिस्टम न केवल सैन्य संपत्तियों बल्कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और नागरिकों को हवाई खतरों से बचाने में सक्षम है।