जिन शहीद जवानों को मरणोपरांत पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया उनके नाम हैं –
शाहिद कांस्टेबल एस कृष्णा
शहीद कांस्टेबल बबन साहा
शहीद हेडकांस्टेबल चंद्रपाल सिंह
शहीद सब इंस्पेक्टर महेंद्र यादव
शहीद कॉन्स्टेबल हरिकेश मीणा
शहीद सब इंस्पेक्टर भोरू सिंह
शहीद कॉन्स्टेबल राजकुमार
शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश डोवाल
शाहिद हेड कांस्टेबल नसीब सिंह
और
शहीद कांस्टेबल एस राजेश कानन
जबकि जिन्हें जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया उनके नाम हैं –
कांस्टेबल अजय कुमार
डॉक्टर हिमांशु सैनी
कांस्टेबल एम उमाशंकर
असिस्टेंट सब स्पेक्टर रणबीर सिंह
सब इंस्पेक्टर बलबीर सिंह
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दर्पण किशोर
हेड कांस्टेबल विनोद कुमार। सीमा सुरक्षा बल का अलंकरण समारोह, बल के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तम जी की याद में हर साल आयोजित होता है। BSF के पहले महानिदेशक रुस्तम जी को पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके उनकी याद में साल 2003 से सीमा सुरक्षा बल ये अलंकरण समारोह मनाता आ रही है। रुस्तम जी को बल को फाउंडिंग फादर के तौर पर जाना जाता है।
मुख्यअतिथि अजीत डोवाल ने भी भारतीय सीमाओं को सुरक्षित रखने में सीमा सुरक्षा बल के योगदान की प्रशंसा की डोवाल ने कहा कि अलग अलग देशों से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की मौजूदगी देश की संप्रभुता बनाए रखने में बड़ी मददगार है।
इससे पहले अलंकरण समारोह की शुरुआत में बल के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने सीमा सुरक्षा बल के शहीदों को श्रद्धांजलि दिया। भारत की संप्रभुता और अखंडता बनाए रखने में सीमा सुरक्षा बल के योगदान को सबके सामने रखा। अग्रवाल ने बल की रणनीति, ढांचागत विशेषताओं, हथियार, शस्त्र में निपुणता और ट्रेनिंग का उल्लेख करते हुए इसे विश्व स्तरीय बताया।
महानिदेशक अग्रवाल ने सीमा सुरक्षा बल के कि हाल की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए नक्सलियों के एनकाउंटर की बात कही। पंजाब राजस्थान और पश्चिम बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध गतिविधियों, तस्करी, असलहों की अवैध तस्करी रोकने में बल भूमिका के महत्व का ज़िक्र किया।