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इस बेशकीमती धातु का बनता है भारत रत्न, जानिए देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के बारे में रोचक तथ्य

Bharat Ratna: राजधानी नई दिल्ली में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 शख्सियतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। आइए आपको बताते हैं देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न को कौन और कहां बनाता है समेत कई रोचक जानकारियां।

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bharat ratna

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Bharat Ratna: देश की राजधानी नई दिल्ली में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 शख्सियतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन शामिल हैं। भारत रत्‍न देने के लिए नामों की सिफारिश भारत के राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है। आइए आपको बताते हैं देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न को कौन और कहां बनाता है समेत कई रोचक जानकारियां।

1.कब हुई शुरूआत

'भारत रत्न' की शुरुआत साल 1954 में हुई थी। साल 1955 से इसे मरणोपरांत भी दिया जाने लगा। भारत रत्न को कला, साहित्य, राजनीति, समाज सेवा से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को दिया जाता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक हर साल अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है। बात दें कि, ऐसा जरूरी नहीं है कि हर साल पुरस्कार दिया ही जाए।

2. इस धातु से बनता है भारत रत्न

भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को पदक और राष्ट्रपति की ओर से हस्ताक्षरित एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। इनको कोई धनराशि नहीं दी जाती है। भारत रत्न में दिया जाने वाला मेडल पीपल के पत्ते जैसा दिखता है। दरअसल, यह शुद्ध तांबे से बनाकर तैयार किया जाता है। इस पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना होता है। इसका किनारा भी प्लैटिनम का ही बना होता है।

3. ऐसी होती है डिजाइन

भारत रत्न मेडल की लंबाई 5.8 सेमी लंबा, चौड़ाई 4.7 सेमी और मोटाई 3.1 मिमी तक की होती है। साथ ही नीचे की तरफ चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। भारत रत्न के दूसरे हिस्से में यानी पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में 'सत्यमेव जयते' लिखा होता है।

4. कहां बनाया जाता है ये मेडल

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक इसको कोलकाता टकसाल द्वारा तैयार किया जाता है। यह मेडल बहुत अनुभवी कारीगर महीनों की मेहनत के बाद तैयार करते हैं। 'भारत रत्न से जुड़ी लंबी शिल्प परंपरा है। डिजाइन में उत्कृष्टता के लिए टकसाल में अनुभवी शिल्पकारों से ही यह काम कराया जाता है। साल 1757 में स्थापित कोलकाता टकसाल (Kolkata Mint) शुरू से ही भारत रत्न का निर्माण करता आया है। यहीं पर देश के सम्मान पद्म विभूषण,पद्म श्री, पद्म भूषण, परम वीर चक्र और तमाम नागरिक, सैन्य, खेल, पुलिस मेडल भी तैयार किए जाते हैं।

5. किसके नाम दर्ज हैं रिकॉर्ड

बता दें कि भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड जैसी चीजों पर 'भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता' लिख सकता है। भारत रत्न से जुड़ी एक खास बात यह है कि इस पुरस्कार को पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे या पीछे इसे नहीं जोड़ सकता है। बता दें कि सचिन तेंदुलकर के सबसे कम उम्र के वे भारत रत्न पाने वाले व्‍यक्‍ति हैं। उन्हें 40 की उम्र में यह सम्मान मिला। वहीं, डीके कर्वे सबसे अधिक उम्र में भारत रत्न से सम्मानित होने वाली शख्सियत थे। उन्हें 100 साल की उम्र में यह सम्मान मिला था।

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