
Orissa Government: ओडिशा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार बन गयी और इसके साथ ही कई ऐसे कारनामे हुए, जो पहली बार हुए। उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव को छोड़कर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित राज्य 15 मंत्रिपरिषद में से किसी को भी मंत्री के रूप में काम करने कोई अनुभव नहीं है। यहीं नहीं 16 मंत्रियों में से मुख्यमंत्री सहित केवल पांच ही पिछली विधानसभा के सदस्य थे, जबकि शेष ग्यारह पहली बार विधायक बने हैं। पहली बार विधायक बनने वालों में उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा भी शामिल हैं। वह नीमपारा विधानसभा सीट से पहली बार चुनी गई हैं। भाजपा सरकार की नई मंत्रिपरिषद का प्रतिनिधित्व राज्य के 30 जिलों में से 13 जिलों से है। मंत्रिपरिषद में अनुसूचित जाति (एसटी) के चार, अनुसूचित जनजाति के दो और शेष दस सामान्य जाति के हैं।
क्षेत्रवार चार मंत्री पश्चिमी ओडिशा से है, जिनमें उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव, तीन दक्षिण ओडिशा से और इतने ही मंत्री उत्तर ओडिशा से है, जिनमें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी शामिल हैं। सबसे अधिक छह मंत्री तटीय ओडिशा से है, जिनमें उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा शामिल हैं। आठ कैबिनेट मंत्रियों में से केवल दो ( मुकेश महालिंग और नित्यानंद गोंड) पिछली विधानसभा के सदस्य थे, जबकि बाकी छह नए सदस्य हैं। इसी तरह, आज शपथ लेने वाले पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में से दो पिछली विधानसभा के सदस्य थे, जबकि बाकी तीन नए सदस्य हैं।
राज्य में लगभग 29 वर्षों के अंतराल के बाद दो उपमुख्यमंत्रियों ने शपथ ली है। इससे पहले 1995 में श्री जे बी पटनायक के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान दो उपमुख्यमंत्रियों - बसंत कुमार बिस्वाल और हेमानंद बिस्वाल को थोड़े समय के लिए नियुक्त किया गया था। उस समय कांग्रेस आलाकमान ने श्री पटनायक को पद से हटने के लिए कहा था। श्री बसंत 15 मार्च 1995 से 17 फरवरी 1999 तक उपमुख्यमंत्री रहे, जबकि श्री हेमानंद 15 मार्च 1995 से 09 मई 1998 तक उपमुख्यमंत्री रहे। नए मंत्रिमंडल में राज्य के 13 जिलों का प्रतिनिधित्व है, जिनमें गंजम और मयूरभंज जिले से दो-दो, जबकि क्योंझर, जाजपुर, जगतसिंहपुर, झारसुगुड़ा, संबलपुर, नवरंगपुर, ढेंकनाल, खोरधा, बोलनगीर, भद्रक और पुरी जिले से क्रमशः एक-एक सदस्य हैं।
Published on:
13 Jun 2024 09:18 am
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