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थाने पहुंची IAS अमनीत, कहा- ‘इतना कमजोर नहीं था पूरन, DGP और SP रोहतक को नहीं छोड़ूंगी’, दर्ज हो FIR

IPS Puran Kumar Suicide Case: IPS अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में IAS पत्नी अमनीत ने चंडीगढ़ में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारिया के खिलाफ शिकायत की है। अमनीत ने दोनों अधिकारियों पर जातीय भेदभाव करने और पति के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।

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Haryana IPS officer Y Puran Kumar Singh

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार सिंह (फोटो- AIR एक्स पोस्ट)

IPS Puran Kumar Suicide Case: ADGP वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के लिए उनकी पत्नी IAS अमनीत पी कुमार ने DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारिया को दोषी ठहराया है। उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में DGP और रोहतक SP के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। साथ ही, FIR दर्ज करने की मांग की है।

DGP शत्रुजीत कपूर को तत्काल गिरफ्तार किया जाए

अमनीत ने अपनी शिकायत में कहा कि वह एक लोकसेवक के रूप में नहीं, बल्कि एक मां और पीड़ित पत्नी के तौर पर शिकायत दे रही है। उन्होंने तत्काल आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। अमनीत ने कहा कि मेरे पति बेदाग और ईमानदार अधिकारी थे। वह सात अक्टूबर को घर पर गोली लगने से मृत पाए गए। अमनीत ने कहा कि IPS पूरन को शत्रुजीत और उनके लोगों ने सालों से अपमानित किया। पूरन ने मरने से कुछ दिन पहले ही बताया था कि DGP शत्रुजीत के निर्देश पर पुलिस महकमे के लोग साजिश रच रहे हैं।

DGP रच रहे थे मेरे पति के खिलाफ साजिश

अमनीत ने कहा कि DGP शत्रुजीत के निर्देश पर ही रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने सुनियोजित साजिश के तहत रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में मेरे पति के स्टाफ सदस्य सुशील के खिलाफ FIR दर्ज कराई, फिर सबूत गढ़कर मेरे पति को फंसाया। प्रताड़ित होने पर मेरे पति IPS पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। अमनीत ने डीजीपी और एसपी रोहतक पर जातीय आधार पर भेदभाव के भी आरोप लगाए हैं।

सुसाइड नोट टूटे मन का दस्तावेज

IAS पत्नी ने कहा कि आठ पन्नों का सुसाइड नोट एक टूटे हुए मन का दस्तावेज है। जो उन अधिकारियों के नामों को उजागर करता है, जिनकी वजह से पूरन को इस हद तक कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे पति ने शत्रुजीत कपूर के खिलाफ अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों अधिनियम 1989 के तहत संरक्षण की मांग की थी क्योंकि उन्हें जातिगत भेदभाव, जाति आधारित गालियां, जाति आधारित भेदभाव और सार्वजनिक अपमान का बार-बार सामना करना पड़ रहा था। अनुसूचित जाति की पहचान के आधार पर मेरे पति को परेशान करना अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एक अलग और गंभीर अपराध है।

दोनों हैं प्रभावशाली व्यक्ति

अमनीत ने मांग की है कि दोनों आरोपी शक्तिशाली व्यक्ति हैं और स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसमें सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने सहित जांच में बाधा डालना शामिल है। उन्होंने कहा कि न्याय सिर्फ होना ही नहीं चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए। हमारे जैसे परिवारों के लिए भी, जो ताकतवरों की क्रूरता से टूट गए हैं। मेरे बच्चों को जवाब मिलना चाहिए।

दो सुसाइड नोट थे, एक लैपटॉप बैग से मिला

अमनीत ने लिखा कि मेरे परिवार को सूचित किया गया है कि पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया है, लेकिन मैं जब घर पहुंची और अलमारी खोली तो लैपटॉप का बैग पड़ा था। लैपटॉप के बैग में सुसाइड नोट की एक और कॉपी मिली। लैपटॉप खोलकर देखा तो उसमें भी वही सुसाइड नोट टाइप किया हुआ था। अमनीत ने लैपटॉप भी पुलिस को सौंप दिया है।