
IRCTC Next Generation eTicketing System: जल्द ही आम आदमी को सीटों की कमी के कारण महंगी ट्रेनों में यात्रा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। त्योहारों के मौसम में देखा जाता है कि ट्रेन में सीट न होने के कारण बड़ी संख्या में लोग लटक कर सफर करते हैं। जान जोखिम में डालकर हजारों किलोमीटर दूर अपने घर जाते हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए अब सरकार मेगा प्लान तैयार कर रही है। इस प्लान के शुरू होते ही कम किराए वाली ट्रेनों में भी पर्याप्त सीटें उपलब्ध होंगी, जिससे आम लोग अपनी सुविधा और बजट के अनुसार महंगी या सस्ती यात्रा का विकल्प चुन सकेंगे। भारतीय रेलवे ने आम लोगों को राहत देने के लिए अगले दो वर्षों में नॉन एसी कोच (सामान्य और स्लीपर) के उत्पादन को बढ़ाने की योजना तैयार कर ली है।
भारतीय रेलवे ने 2024-25 और 2025-26 में करीब 10,000 नॉन-एसी कोच की मैन्युफैक्चरिंग की योजना बनाई है, जिससे बढ़ती मांग को पूरी किया जा सके और आम आदमी को यात्रा करने में सुविधा हो। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 4,485 नॉन-एसी कोच बनाए जाएंगे। वहीं, 2025-26 में 5,444 नॉन-एसी कोच की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी।
इसके अतिरिक्त रेलवे का प्लान 5,300 से अधिक जनरल कोच बनाने का है। इससे रेलवे में यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेगी और यात्रा पहले के मुकाबले आरामदायक होगी। भारतीय रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को सरकार की योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे 2,605 जनरल कोच मैन्युफैक्चर करेगी। इसमें 'अमृत भारत जनरल कोच' भी शामिल हैं। इससे यात्रियों के सुविधाओं में इजाफा होगा।
इसके अलावा भारतीय रेलवे 1,470 नॉन-एसी स्लीपर कोच और 323 एसएलआर (सीटिग-कम-लगेज रैक) कोच बनाएगा। इसमें 'अमृत भारत कोच' भी शामिल होंगे। साथ ही 32 उच्च क्षमता वाली पार्सल वैन और 55 पैंट्री कार बनाई जाएगी, जिससे यात्री और लॉजिस्टिक की मांग को पूरा किया जा सके। वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय रेलवे का लक्ष्य फ्लीट में 2,710 जनरल कोच को जोड़ना है। इस अवधि के उत्पादन लक्ष्य में 'अमृत भारत जनरल कोच' सहित 1,910 गैर-एसी स्लीपर कोच और अमृत भारत स्लीपर कोच सहित 514 एसएलआर कोच भी शामिल हैं।
Updated on:
06 Jul 2024 07:44 pm
Published on:
05 Jul 2024 04:00 pm
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