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क्या केरल में है पाकिस्तान का शासन? भड़के राजीव चंद्रशेखर, फूलों से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भगवा झंडा बनाने पर FIR

श्री पार्थसारथी मंदिर मुथुपिलक्काडु मंदिर के पास ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर पुष्प रंगोली (पुकलम) और RSS का झंडा बनाने पर बवाल मच गया है। 27 RSS कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। जानिए क्यों भड़के राजीव चंद्रशेखर...

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Kerala BJP president Rajeev Chandrasekhar

केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर (फोटो-IANS)

केरल (Kerala) के कोल्लम जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 27 कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई है। श्री पार्थसारथी मंदिर मुथुपिलक्काडु मंदिर के पास ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर पुष्प रंगोली (पुकलम) और RSS का झंडा बनाने पर FIR दर्ज की गई है। अब बीजेपी (BJP) ने इसे सियासी मुद्दा बनाते हुए पिनरयी विजयन की वामपंथी सरकार पर हमला बोला है। केरल हाईकोर्ट के आदेश मुताबिक मंदिर परिसर के आस-पास राजनीतिक प्रतीकों जैसे फोटो, चिन्ह वगैरा प्रतिबंधित हैं।

बीजेपी ने कहा कि लोगों पर FIR दर्ज करना गलत है। पार्टी ने इसे “ऑपरेशन सिंदूर पुक्कलम” के खिलाफ कार्रवाई करार दिया। केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पूकलम के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई चौंकाने वाली है। क्या केरल, पाकिस्तान के शासन में है या जमात-ए-इस्लामी द्वारा शासित है? भारत में पहली बार पुलिस ओनम पूकलम बनाने के आरोप में मामला दर्ज कर रही है। ओनम के फूलों के कालीन पर ऑपरेशन सिंदूर लिखने का मामला दर्ज करके सरकार किसे खुश करने की कोशिश कर रही है?

केरल पुलिस ने क्या कहा?

मामले पर केरल पुलिस का कहना है कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोल्लम मंदिर के 100 मीटर के दायरे में कोई भी राजनीतिक प्रतीक चिन्ह नहीं लगाया जाना चाहिए। आदेश का उल्लंघन होने पर 27 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
बता दें कि साल 2023 में मंदिर के पास भगवा झंडा फहराने की अनुमति मांगने वाली याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।

क्या है मामला?

ओनम से एक दिन पहले RSS कार्यकर्ताओं ने मंदिर के मुख्य मार्ग के पास फूलों का कालीन बिछा दिया। उन्होंने भगवा ध्वज जैसा एक पूकलम और मंदिर से बमुश्किल 50 मीटर की दूरी पर छत्रपति शिवाजी का एक फ्लेक्स भी लगाया। कार्यकर्ताओं से मंदिर समिति की अनुमित लिए बिना किया। जानकारी के अनुसार, RSS कार्यकर्ताओं ने मंदिर समिति को यह आश्वासन दिया था कि पूकलम के लिए आरएसएस के किसी भी प्रतीक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

मंदिर समिति ने कहा कि फूलों से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लिखने के खिलाफ किसी ने शिकायत नहीं की है। शिकायत केवल आरएसएस के झंडे के डिजाइन के खिलाफ है.आरएसएस से जुड़े कई लोग पिछले कई सालों से मंदिर पर नियंत्रण करने को लेकर लड़ते आ रहे हैं. इस मंदिर में पहले हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। हाईकोर्ट ने साल 2020 में मंदिर के आस पास किसी भी राजनीतिक पोस्टर, बैनर या चित्र न लगाने के आदेश दिए हैं।