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क्यों बढ़ रही है 2025 में फिर से ITR की तारीख बढ़ाने की मांग ? जानें पूरी वजह

ITR Due Date Extension 2025:फिर टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने 2025 में एक बार ITR की तय तारीख बढ़ाने की मांग उठाई है। तकनीकी दिक्कतों और बढ़ते वर्कलोड के चलते सोशल मीडिया पर "#Extend_Due_Date_Immediately" ट्रेंड कर रहा है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 08, 2025

income tax return mp news (फोटो सोर्स- ANI)

income tax return (फोटो सोर्स- ANI)

ITR Due Date Extension 2025: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख (ITR Due Date Extension 2025) जैसे ही नज़दीक आती है, सोशल मीडिया पर एक पुराना ट्रेंड फिर से ज़ोर पकड़ रहा है, "#Extend_Due_ Date_Immediately"। वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR दाखिल करने की 15 सितंबर 2025 की समय सीमा से ठीक एक हफ्ते पहले यह हैशटैग फिर से ट्रेंड करने लगा है। इस बार भी, टैक्स प्रोफेशनल्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) की ओर से ITR और टैक्स ऑडिट (Income Tax Return Deadline India) की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि मौजूदा समय सीमा में सभी रिटर्न (Tax Audit Report AY 2025-26) और ऑडिट रिपोर्ट समय से तैयार करना मुश्किल हो रहा है।

ITR और टैक्स ऑडिट की मौजूदा तय तारीखें

गैर-ऑडिट ITR की अंतिम तिथि: 15 सितंबर 2025

टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR): 30 सितंबर 2025

ऑडिट मामलों में ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख : 31 अक्टूबर 2025

हालांकि, गैर-ऑडिट मामलों की तारीख पहले ही 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई है, लेकिन अब प्रोफेशनल्स और यूनियनों का कहना है कि यह भी पर्याप्त नहीं है।

क्या कह रहे हैं टैक्स प्रोफेशनल्स ?

पुणे के भाजपा चार्टर्ड अकाउंटेंट (भाजपासीए) सेल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक औपचारिक पत्र भेजकर ITR और टैक्स ऑडिट की तारीखें बढ़ाने की अपील की है। उनके अनुसार, बढ़ती टैक्स फाइलिंग मांगों और ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों के कारण काम समय पर पूरा करना बेहद कठिन हो गया है।

उनकी मांग है:

गैर-ऑडिट ITR की नई तारीख: 30 सितंबर 2025

TAR की नई तारीख: 30 नवंबर 2025

ऑडिट मामलों में ITR की नई तारीख: 31 दिसंबर 2025

टेक्निकल समस्याएं भी बनी बड़ी चुनौती

कई CA ने सोशल मीडिया पर बताया कि ITR-5, 6 और 7 की ऑफलाइन यूटिलिटीज या तो अभी तक जारी नहीं हुई हैं या हाल ही में उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा, कई यूटिलिटीज में अभी भी तकनीकी त्रुटियां हैं, जिससे सही समय पर फाइलिंग करना मुश्किल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर उठी तेज़ आवाज़

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर "#Extend_Due_Date_Immediately" हैशटैग के साथ 7,000 से ज्यादा ट्वीट किए गए हैं। ये ट्वीट्स मुख्यतः सीए और टैक्स फाइलिंग से जुड़े प्रोफेशनल्स द्वारा किए जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि यह सिर्फ एक मांग नहीं, बल्कि एक संगठित अभियान बन चुका है।

आयकर विभाग का क्या कहना है ?

अब तक आयकर विभाग की तरफ से तारीख बढ़ाने को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है। हालांकि, विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वे अंतिम तारीख का इंतजार न करें और समय रहते अपना ITR दाखिल कर दें।

क्या कहते हैं टैक्स प्रोफेशनल्स और सीए?

सीए हिमांक सिंगला कहते हैं, "डेडलाइन बढ़ाने की मांग हमारी मजबूरी है, कोई शौक नहीं। पोर्टल की दिक्कतें, लेट यूटिलिटीज और क्लाइंट्स की जानकारी में देरी – सब मिलकर काम को असंभव बना रहे हैं।"

सीए रुचिता वघानी ने कहा, "6000 से अधिक ट्वीट एक ही मांग को लेकर किए गए हैं – ये सिर्फ प्रोफेशनल्स की नहीं, पूरे सिस्टम की चिंता को दर्शाता है।"

सीए मनीष सोनी ने लिखा, "अगले 7 दिनों में लाखों रिटर्न फाइल करने हैं, क्या ये संभव है? डेडलाइन एक्सटेंशन अब ज़रूरत बन चुका है।"

अब आगे क्या हो सकता है ?

आयकर विभाग अभी चुप्पी साधे हुए है, लेकिन लगातार सोशल मीडिया दबाव और प्रोफेशनल यूनियनों की अपील के बाद, आने वाले कुछ दिनों में बयान या फैसला आ सकता है।

यदि डेडलाइन नहीं बढ़ती, तो प्रोफेशनल बॉडीज़ जैसे ICAI या भाजपा CA सेल से दिल्ली तक याचिका या प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने की संभावना जताई जा रही है।

डेडलाइन बढ़ाने की मांग सिर्फ भारत में ही क्यों होती है ?

भारत में ITR दाखिल करने वाले करदाताओं की संख्या में हर साल तेज़ी से वृद्धि हो रही है, लेकिन सिस्टम और पोर्टल का बुनियादी ढांचा अभी भी अपग्रेड करने की ज़रूरत है। कई अन्य देशों में टैक्स सिस्टम ज्यादा ऑटोमेटेड और प्रीफिल्ड होता है, जबकि भारत में अब भी प्रोफेशनल की भारी भूमिका है।

"करदाता शिक्षित नहीं, तो जिम्मेदारी प्रोफेशनल्स पर" – इस सोच के चलते चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर भारी दबाव पड़ता है।

ITR की आखिरी तारीख करीब आ रही, मांग बढ़ रही

बहरहाल जैसे-जैसे ITR की आखिरी तारीख करीब आ रही है, टैक्स प्रोफेशनल्स की चिंताएं भी बढ़ रही हैं। तकनीकी दिक्कतों और वर्कलोड के चलते नियत तारीख बढ़ाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस बार इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।