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आपत्तिजनक पोस्ट को रीट्वीट करने, शेयर करने पर होगी जेल! जानिए क्या कहता है भारतीय कानून?

आपत्तिजनक पोस्ट को रीट्वीट या शेयर करने पर क्या जेल जाना पड़ सकता है? देश में सोशल मीडिया के यूज को लेकर क्या नियम है? इसको लेकर भारतीय कानून क्या है और इसको लेकर अब तक भारतीय अदालतों के द्वारा क्या टिप्पणी की जा चुकी है।

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Jail for retweeting, sharing objectionable post! Know what Indian law says?

अगर आप किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट को रीट्वीट और शेयर करते हैं तो आप पर भी कार्रवाई हो सकती है। आप रीट्वीट या शेयर किए हुए पोस्ट से यह कहकर नहीं बच सकते कि आप उसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। ट्वीट को रीट्वीट या शेयर करने की पूरी जिम्मेदारी आपकी होगी। यह कहना है दिल्ली पुलिस के DCP केपीएस मल्होत्रा का। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि आप सोशल मीडिया पर किसी भी विचार का समर्थन करते हैं तो वह आपको विचार बन जाता है। आप अगर किसी भी पोस्ट को रीट्वीट करते हैं तो उसकी जिम्मेदारी भी आपको ही लेनी होगी।


अभी तक भारत में प्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया यूज को लेकर कोई भी कानून नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत अभी तक ट्वीट, पोस्ट, फॉरवर्ड या शेयर को अपराध घोषित करने के लिए कोई भी नियम नहीं है।


भारतीय अदालतों की टिप्पणी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के द्वारा मानहानि दायर की थी, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा को समन जारी किया गया था। इस समन को चुनौती देते हुए राघव चड्ढा ने एक याचिका दायर की थी। इसे खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा ने सवाल किया था कि क्या रीट्वीट करने से आपराधिक दायित्व आकर्षित होगा। इसे किसी मामले की सुनवाई के दौरान निर्धारित किया जाना है।


मद्रास उच्च न्यायालय सुना चुका है फैसला

मद्रास उच्च न्यायालय ने 2018 में फैसला सुनाया है कि सोशल मीडिया में किसी भी पोस्ट को शेयर करना उसे स्वीकार करने और उसका समर्थन करने के बराबर है।