
नई दिल्ली। जम्मू- कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में हाल के अल्पसंख्यकों को टारगेट बनाकर उनकी हत्या से घाटी का माहौल एक बार फिर बिगड़ गया है। आतंकियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हमले किए हैं। हालांकि इसको लेकर सरकार और सुरक्षाबलों ने बड़ा एक्शन शुरू कर दिया है, लेकिन इस बीच सेना ( Army ) का बयान सामने आया है।
कश्मीर में आतंकवादियों ( Terrorist ) द्वारा हाल में की गई हत्याओं को लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने भी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि, सेना को उम्मीद है कश्मीर के लोग ऐसे लोगों को बेनकाब करेंगे जो घाटी की फिजा को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), चिनार कोर ने कहा कि मुझे विश्वास है कि कश्मीरी उन तत्वों को बेनकाब करेंगे जो कश्मीरी समाज को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश में जुटे हैं।
कश्मीर से शुरू हुआ पलायन
कश्मीर में टारगेट किलिंग के बाद दहशत का माहौल है। कई हिंदू और सिख समुदाय के लोग कश्मीर छोड़कर जम्मू की ओऱ पलायन कर रहे हैं।
कुछ लोगों ने अपने काम से छुट्टी ले ली है तो कुछ लोगों ने हमेशा के लिए अपना काम ही बंद कर जगह छोड़ने की तैयारी कर ली है। दरअसल कश्मीर घाटी में बीते कुछ दिनों में गैर-मुस्लिमों पर आतंकवादी हमले बढ़ने से केंद्र शासित प्रदेश के अल्पसंख्यकों में भय का माहौल है।
एक तरफ केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार विस्थापितों को बसाने की बात कर रही है, लेकिन आतंक की नई लहर के चलते दोबारा पलायन शुरू हो गया है।
ट्रांसफर की बढ़ने लगी मांग
लोग ऐसी जगहों की ओर रुख कर रहे हैं जहां गैर-मुस्लिमों की बहुलता है। शिक्षकों समेत अन्य सरकारी कर्मचारी जम्मू लौट रहे हैं और कुछ ने घाटी से बाहर ट्रांसफर की मांग की है। इसके अलावा कई तो सुरक्षा की बढ़ती चिंताओं की वजह से काम पर ही नहीं आ रहे हैं।
Published on:
10 Oct 2021 03:20 pm
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