5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जोशीमठ में पहला हादसा, मंदिर गिरा, 600 से अधिक मकानों में दरार, लोगों की शिफ्टिंग शुरू

Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। शनिवार को यहां भूमि धंसाव के कारण पहला हादसा हुआ। जोशीमठ में एक पुरानी मंदिर धराशाही हो गई। अभी तक यहां 600 से अधिक मकानों में दरारें आ चुकी है। इस बीच जोशीमठ से लोगों की शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है।  

3 min read
Google source verification
joshimath_sinking.jpg

Joshimath Land Subsidence: Temple Collapsed, More than 600 hundred house Damaged CM Visit

Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास बसे पौराणिक शहर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। शनिवार को यहा जमीन धंसने के कारण एक मंदिर धराशाही हो गया। जोशीमठ के 600 से अधिक मकानों में दरार आ चुकी है। मकानों में दरार और मंदिर गिरने से लोगों में दहशत का माहौल है। इधर प्रशासन ने जोशीमठ से लोगों को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जोशीमठ के 50 परिवारों को रैन बसेरों और शेल्टर हाउस में भेज दिया है। जोशीमठ में जमीन धंसने की समस्या पर हुई हाईलेवल मीटिंग में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्होंने डेंजर जोन को जल्द से जल्द खाली कराने का निर्देश दिया था।


केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का मुख्य द्वार है जोशीमठ


जोशीमठ का पौराणिक महत्व भी है। यह शहर केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का मुख्य द्वार माना जाता है। यहां से बद्रीनाथ 45 किलोमीटर तो केदारनाथ धाम 50 किलोमीटर दूर है। जोशीमठ में भू धंसाव अब विकराल हो चुका है। यहां कई घर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। जबकि, कई टूट भी चुके हैं। आज एक मंदिर भी ढह गया है।अच्छी बात ये रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। खौफजदा और डरे हुए कई लोग अपने घर छोड़ चुके हैं।


जोशीमठ में जमीन धंसने का कारण


विशेषज्ञों के अनुसार जोशमठ में जमीन धंसने के निम्न 4 प्रमुख कारण है।
1. तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को खोखला कर दिया है।
2. बाईपास सड़क के लिए खुदाई पूरे शहर को नीचे से हिला रही है।
3. 2021 में धौलीगंगा में आई बाढ़ से अलकनंदा के तट में कटाव ने समस्या बढ़ा दी है।
4. जल निकासी की व्यवस्था न होने से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी जमीन के अंदर समा रहा है।


अधिकारियों संग मीटिंग कर सीएम ने जाने हालात


प्रशासन की ओर से आज सभी दरारग्रस्त वाडरें का निरीक्षण किया गया। साथ ही प्रदेश बीजेपी की ओर से गठित टीम ने प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। इधर, जोशीमठ में दरारों को लेकर भी सरकार चिंतित है। लिहाजा, आज जोशीमठ के मौजूदा हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में सीएम धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से जोशीमठ की जानकारी ली।


एसडीआरएफ के 50 जवान जोशीमठ में तैनात


एसडीआरएफ आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जोशीमठ एसडीआरएफ को भी तैनात किया गया है। एसडीआरएफ के करीब 50 जवान पहले दल के तौर पर जोशीमठ में तैनात हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ की आसपास की चार पोस्टों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। एक घंटे के अंदर सभी जवान राहत और बचाव कार्य में जुट जाएंगे। जोशीमठ में करीब डेढ़ सौ एसडीआरएफ के जवान किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रखे गए हैं।

सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर लगाई गई रोक

जोशीमठ में भू धंसाव को देखते हुए चमोली भू जिला प्रशासन एनटीपीसी की परियोजना, हेलंग मारवाड़ी बाईपास और जोशीमठ में चल रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर अगले आदेशों तक रोक लगा चुका है। जबकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा समेत विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम दरार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं।

मुख्ययमंत्री पुष्कर धामी आज पहुंचेंगे जोशीमठ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ की स्थितियों का जायजा लेने जोशीमठ जाएंगे। जहां वे जोशीमठ की स्थितियों का धरातलीय निरीक्षण करेंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जोशीमठ जाकर हालत का जायजा लेंगे। उन्होंने एक दिन पहले अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग कर जरूरी निर्देश दिए थे।

यह भी पढ़ें - जोशीमठ में फट रहीं है जमीनें और दीवारें, निकल रहा है पानी, दहशत में जनता


बारिश हुई तो और भयानक होगी तबाही


प्रशासन की ओर से लोगों को नगरपालिका भवन, गुरुद्वारे और स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। जोशीमठ के सुनील वार्ड, मनोहर बाग वार्ड, गांधी वार्ड के कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं। साथ ही मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी की आवासीय कॉलोनी भी खतरे की जद में आ चुकी है। जेपी कंपनी की दीवार से पानी रिस रहा है। अगर थोड़ी सी भी बारिश हुई तो जमीन पर पड़ी बड़ी-बड़ी दरारों में पानी भरने से तबाही मच सकती है। ऐसे में स्थिति और भी भयानक हो सकती है। इसी बीच ज्योर्तिमठ के दीवारों में भी दरारें आ गई हैं।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के जोशीमठ में धंस रही जमीन, बंद की गई एशिया की सबसे लंबी रोपवे