
प्रसाद विवाद में सेवादार की हत्या (File Phota)
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में शुक्रवार देर रात (29 अगस्त) एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां प्रसाद और चुन्नी को लेकर हुए विवाद के बाद 35 वर्षीय सेवादार योगेंद्र सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, घटना रात करीब 9:30 बजे हुई, जब मंदिर में दर्शन के लिए आए कुछ लोग सेवादार योगेंद्र सिंह से चुन्नी और प्रसाद की मांग करने लगे। योगेंद्र ने उन्हें बताया कि प्रसाद खत्म हो चुका है और थोड़ा इंतजार करने को कहा, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। यह बहस जल्द ही हिंसक हो गई, और आरोपियों ने योगेंद्र पर लाठियों, डंडों और लात-घूंसों से हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में पांच से छह लोग योगेंद्र को बेरहमी से पीटते दिखे, जबकि वह जमीन पर बेसुध पड़ा था। घायल योगेंद्र को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें दक्षिणपुरी निवासी अतुल पांडे (30), तुगलकाबाद निवासी मोहन उर्फ भूरा (19), कुलदीप बिधूड़ी (20), गोविंदपुरी निवासी नितिन पांडे (26) और उनके पिता अनिल कुमार (55) शामिल हैं। अनिल कुमार पर आरोपी को शरण देने और पुलिस से बचाने का आरोप है। स्थानीय लोगों ने अतुल पांडे को मौके पर ही पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी मंदिर के नियमित दर्शनकर्ता थे और करीब एक महीने पहले योगेंद्र के साथ उनकी कहासुनी हो चुकी थी। आरोपियों का दावा है कि योगेंद्र ने भीड़ को नियंत्रित करते समय उन्हें धक्का दिया था और ज्यादा देर मंदिर में रुकने नहीं दिया था। शुक्रवार की रात, जब योगेंद्र ने प्रसाद न होने की बात कही, तो नाराज आरोपियों ने मंदिर बंद होने का इंतजार किया और धर्मशाला में आराम कर रहे योगेंद्र को घसीटकर बाहर ले जाकर पीटा।
योगेंद्र सिंह पिछले 14-15 सालों से कालकाजी मंदिर में सेवादार के रूप में कार्यरत थे। उनके परिवार में पत्नी, छह साल की दिव्यांग बेटी और आठ साल का बेटा है। उनके भाई कौशल सिंह ने बताया कि योगेंद्र को बेरहमी से पीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई। एक साथी सेवादार राजू ने कहा, "आरोपियों ने पहले प्रसाद मांगा, लेकिन जब योगेंद्र ने इंतजार करने को कहा, तो वे आक्रामक हो गए और उसे धर्मशाला से घसीटकर बाहर ले गए। उस समय अन्य सेवादार आरती में व्यस्त थे, इसलिए कोई उसे बचा न सका।" कौशल ने यह भी दावा किया कि एक महीने पहले आरोपियों का किसी अन्य सेवादार के साथ विवाद हुआ था, जिसे उन्होंने योगेंद्र के साथ जोड़ लिया।
कालकाजी पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) और 3(5) (संयुक्त दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है। मंदिर समिति और पुजारी समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Published on:
31 Aug 2025 09:50 am
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