
कंगना रनौत ने किसान आंदोलन से जुड़े एक रिट्वीट मामले में याचिका वापस ली (फोटो- एएनआई)
अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान किए गए कंगना के एक रिट्वीट पर उनकी टिप्पणी के खिलाफ दायर दर्ज शिकायत पर सुनवाई करने से साफ मना कर दिया जिसके बाद उन्हें अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी। इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कंगना के खिलाफ दर्ज मानहानी केस रद्द करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद कंगना ने सुप्रीम कोर्ट खटखटाया था, लेकिन अब सर्वाच्च न्यायालय ने भी इस मामले पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और कंगना से निचली अदालत में अपनी बात रखने को कहा है।
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान बठिंडा के गांव बहादुरगढ़ जंडिया की रहने वाली 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कंगना ने एक ट्विट को रिशेयर किया था जिसमें महिंदर कौर पर पैसे और कपड़ो के लिए धरना करने का आरोप लगाया था। कंगना ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए इसमें अपनी टिप्पणी जोड़ी थी। उन्होंने महिंदर कौर 100-100 रुपए लेकर धरने में शामिल होने वाली महिला बताया था। जिसके बाद महिंदर कौर ने उनके खिलाफ मानहानी का मामला दर्ज कराया था।
इसके बाद कंगना ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले को रद्द कराने के लिए याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कंगना के मामले पर सुनवाई करने से मना कर के उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कंगना की टिप्पणी को लेकर आपत्ति जताई और उनसे कहा कि आपकी टिप्पणियों का क्या? कोर्ट ने कंगना से कहा कि, आपका ट्वीट केवल एक साधारण री-ट्वीट नहीं था, बल्कि आपने अपनी ओर से उसमें टिप्पणी जोड़ी और उसमें मसाला डाला।
इसके बाद कंगना के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उन्होंने वकील उन्होंने अपनी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण दिया है। जिस पर जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इसकी एक्सप्लेनेशन ट्रायल कोर्ट ही करेगा। यह सफाई आप वहीं दीजिएगा। साथ ही कंगना ने कोर्ट के सामने यह भी दलील पेश की कि कंगना का पंजाब में यात्रा करना इस समय सही नहीं है वह वहा जाने में सुरक्षित महसूस नहीं करती है। इस पर कोर्ट ने कोर्ट ने सुझाव दिया कि वह व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन कर सकती हैं। साथ ही कोर्ट ने कंगना के वकील को ज्यादा बहस करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने पर अदालत ऐसी टिप्पणी कर सकती है, जो उनके मुकदमे को नुकसान पहुंचाए। इसके बाद कंगना के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मामला वापस ले लिया।
Published on:
12 Sept 2025 05:53 pm
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