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अब बजरंग बली के सहारे कर्नाटक का चुनावी रण, किस पर होगी ‘संकटमोचक’ की कृपा?

Karnataka Assembly Elections 2023: जिन चुनावी रैलियों में कल तक 'मोदी-मोदी' और 'भारत माता की जय' के नारे गुंजते थे, आज वहां बजरंग बली के जयकारों की गूंज है। मामला कर्नाटक का है। जहां के प्रचार अभियान में मात्र एक दिन में यह बड़ा बदलाव आया है।  

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pm modi

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Karnataka Assembly Election 2023: करप्शन, आरक्षण, विकास से बढ़कर अब कर्नाटक चुनाव का प्रचार अभियान अब 'बजरंग बली' पर केंद्रित हो गया है। मंगलवार को कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद से चुनावी शोर में बजरंग बली के नारे सुनाई पड़ रहे हैं। कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में नफरत फैलाने वाले बजरंग दल पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस बात की जानकारी सामने आते ही भाजपा के नेताओं ने इस मु्द्दे को दोनों हाथों लपक लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी रैली में बजरंग बली के जयकारे लगवाएं। साथ ही कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर कार्रवाई की बात को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी को आड़े हाथों लिया। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से भी पीएम मोदी के बयान पर पलटवार सामने आया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कर्नाटक में 'संकटमोचक' की कृपा किसपर बरसती है?




'बजरंग बली' पर कैसे शिफ्ट हुई कर्नाटक की राजनीति?


224 विधानसभा सीट वाले कर्नाटक में भाजपा-कांग्रेस और जेडीएस में मेन फाइट है। 2 मई को कांग्रेस ने अपना मेनिफेस्टो जारी करते हुए एक ऐसा वादा किया कि राज्य का पूरा प्रचार अभियान बजरंग बली पर शिफ्ट हो गया है।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा, "हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल, पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों द्वारा या बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य लोगों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। हम ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे।"



कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर कार्रवाई की बात क्यों?


कांग्रेस से एक दिन पहले भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया था। जिसमें भाजपा ने समान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) का वादा किया था। इसके काउंटर में कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाले संगठनों पर कार्रवाई की बात कही। दूसरी ओर कर्नाटक की राजनीति के जानकारों कहना है कि कर्नाटक में बीते कुछ समय से हिंदू-मुस्लिम की राजनीति जारी है।

हिजाब, अजान, स्कूलों को भगवा रंग में रंगने, मुस्लिम आरक्षण समाप्त करने जैसी घोषणाएं सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने बीते कुछ महीनों में राज्य में की है। इन सब मुद्दों का कांग्रेस ने भरसक विरोध किया। अब जब चुनाव सिर पर आया है तब कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाली संगठनों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


बजरंग दल पर नकेल के कांग्रेसी वादे को भाजपा का लपका


कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर कार्रवाई का बात सामने आते ही भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया है। बुधवार को कर्नाटक के होसपेटे में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है। पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है।"



खरगे ने किया किनारा, प्रियंका बोली- विकास से मतलब नहीं, रोज नया मुद्दा उठा रहे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के भाषण पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, उन्होंने जो भी कहा वह उनके विचार हैं। मोदी जी कभी भी संसद में जवाब नहीं देते तो मैं उनके हर प्रश्न के जवाब क्यों दूं।

इधर प्रियंका गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले साढ़े 3 सालों में उन्होंने (BJP) कर्नाटक से डेढ़ लाख करोड़ रुपए लूटे हैं। इन्होंने जितना पैसा लूटा है इससे आपके लिए 100 एम्स के अस्पताल, 30,000 स्मार्ट क्लास रूम और 30 लाख गरीबों के लिए घर बन सकते थे।

आज आपके सामने वो आपके मुद्दों पर बात नहीं कर सकते हैं इसलिए हर रोज कोई नया मुद्दा उठा लेते हैं जिससे आपके विकास से कोई मतलब नहीं है।

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छत्तीसगढ़ सीएम बोले- बजरंग बली हमारे आराध्य, बैन की बात बजरंग दल पर हुई


मोदी के बयान पर कांग्रेस की ओर से सबसे करारा पटलवार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है। उन्होंने कहा, मोदी जी फेंकने में बहुत माहिर हैं...जो चीज पाकिस्तान में हुई है उसे बिहार का बता देते हैं। जनसंख्या जितनी नहीं है उतना बता देते हैं। बैन बजरंग दल पर लगाने की बात हुई है बजरंग बलि पर नहीं, बजरंग बलि हमारे आराध्य हैं उनके नाम पर कोई गुंडागर्दी करे ये उचित नहीं है।



शिवराज का कांग्रेस पर करारा हमला, कहा- बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन


दूसरी ओर पीएम मोदी के अलावा भाजपा नेता और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है, आतंकवाद का विरोध करता है। बजरंग दल लव जिहाद का विरोध करता है। बजरंग दल की तुलना PFI से, आतंकवादी संगठन से। आज कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।



यूपी सीएम ने पीएम मोदी को बताया संकटमोचक


इधर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को संकटमोचक बताया। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी दुनिया में संकट मोचक के रूप में जाने जाते हैं। अभी सूडान में भीषण खून-खराबा हो रहा है इससे पहले दुनिया कुछ उपाय करती...उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जी ने सूडान से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की व्यवस्था कर दी और उसमें से आजमगढ़ के कुछ लोग सूडान से सुरिक्षत वापस आ गए हैं।



देशभर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन


नेताओं की बयानबाजी के बीच बुधवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने देश में जगह-जगह प्रदर्शन किया। राजधानी दिल्ली में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर के बाद विरोध किया। हैदराबाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ कांग्रेस कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।



किस पर बरसेगी संकटमोचक की कृपा


बयानबाजी और विरोध प्रदर्शन के बीच सबसे अहम बात यह है कि कर्नाटक में संकटमोचक की कृपा (चुनावी जीत) किसपर बरसेगी। राज्य में अभी भाजपा सत्ता में है। लेकिन जानकारों की माने तो पार्टी एंटी इनकम्बेंसी और बड़े नेताओं की बगावत से जूझ रही है। दूसरी ओर कांग्रेस पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है। जेडीएस अकेले चुनावी मैदान में है। पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी दावा कर रहे है कि सत्ता की चाबी मेरे पास ही रहेगी।

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