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चुनाव में नहीं मिला बीजेपी से टिकट तो RSS कार्यकर्ता ने दे दी जान

केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थानीय चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने से दुखी आरएसएस कार्यकर्ता आनंद के. थम्पी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों का खंड़न करते हुए मामले की जांच करने की बात कही है।

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Kerala RSS worker sucide

बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर RSS कार्यकर्ता ने की आत्महत्या (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केरल के तिरुवनंतपुरम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक स्थानीय चुनावों में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर एक RSS कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर के अपनी जान दे दी है। मृतक की पहचान थ्रिक्कन्नापुरम के रहने वाले आनंद के. थम्पी के रूप में हुई है। शनिवार शाम को थम्पी का शव उसके घर के छप्पर से लटका हुआ मिला था।

टिकट नहीं मिलने से दुखी थे थम्पी

पुलिस के अनुसार, थम्पी यह उम्मीद कर रहा था कि बीजेपी उसे तिरुवनंतपुरम कॉर्पोरेशन के थ्रिक्कन्नापुरम वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन जब सूची में थम्पी का नाम नहीं आया तो यह देखकर उन्हें बहुत बुरा लगा। इसके बाद थम्पी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की।

बीजेपी और आरएसएस के नेताओं पर लगाए आरोप

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, थम्पी ने आत्महत्या करने से पहले अपने एक दोस्त को मैसेज भेज कर बीजेपी और आरएसएस के नेताओं पर आरोप लगाए थे। साथ ही थम्पी ने अपने दोस्त को यह भी बताया था कि वह शनिवार दोपहर को अपनी जान देने वाले है। दोस्त को भेजे मैसेज में थम्पी ने यह भी कहा कि उसने चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा के बारे में RSS कार्यकर्ताओं को बता दिया था। लेकिन फिर भी उसे टिकट नहीं मिला।

बीजेपी नेताओं ने स्वार्थ के चलते नहीं दिया टिकट

थम्पी ने अपने मैसेज में यह भी दावा किया कि, बीजेपी के स्थानीय नेता जिनके संबंध बालू की तस्करी करने वाले माफिया से है, उन्होंने अपने स्वार्थ के चलते उसे टिकट नहीं दिया। थम्पी ने मैसेज में यह भी बताया कि, जब उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो उनके दोस्त उनसे दूरियां बनाने लगे। इस बात के चलते वह काफी दुखी थे। दोस्त को मैसेज भेजने के बाद थम्पी ने अपने घर में फांसी का फंदा लगा कर जान दे दी।

बीजेपी ने आरोपों से किया इनकार

थम्पी का मैसेज देखने पर उनका दोस्त भाग कर उनके घर पहुंचा और उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन तब तक थम्पी की मौत हो चुकी थी। हालांकि, स्थानीय बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों से इनकार करते हुए यह दावा किया है कि थम्पी ने उनसे कभी टिकट मांगने के लिए संपर्क ही नहीं किया। इसलिए उनकी मौत को टिकट न दिए जाने से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वह इस घटना के बारे में जानकर हैरान हैं। उन्होंने कहा, मैंने ज़िला अध्यक्ष से बात की, जिन्होंने बताया कि उनका नाम वार्ड से मिली अंतिम सूची में नहीं था। लेकिन हम इस घटना की जाच करेंगे।

शिवसेना ने टिकट नहीं मिलने की बात का किया समर्थन

बीजेपी ने जहां इन आरोपों को झूठा बताया है वहीं शिवसेना के नेताओं ने बीजेपी द्वारा टिकट न मिलने की बात को सही बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा टिकट मना करने के बाद, थम्पी चुनाव लड़ने के लिए समर्थन मांगते हुए उनके पास आए थे। शिवसेना नेताओं के अनुसार, जिले के पार्टी नेताओं ने शुक्रवार शाम को थम्पी के होटल में उनके साथ एक बैठक की थी। इस बैठक के बाद, थम्पी ने शिवसेना की सदस्यता लेने का फैसला किया और शनिवार की सुबह वह प्रचारमें भी जुट गए थे। पुलिस ने थम्पी के परिवार के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।