
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया। इस बर्बर हमले के बाद, जहां एक ओर देशभर में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ रही है, वहीं राजनीतिक गलियारों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने इस हमले पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग भी की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में CWC ने अपने प्रस्ताव में कहा, “पहलगाम में हुए इस कायरतापूर्ण हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले 26 परिवारों का दर्द पूरे राष्ट्र का दर्द है। कांग्रेस केवल शब्दों में नहीं, बल्कि स्थायी एकजुटता के साथ उनके साथ खड़ी है।” इस प्रस्ताव में कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि एकजुटता और राष्ट्रीय संकल्प दिखाने का है। पार्टी ने कहा, “हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर यह संदेश देना होगा कि भारत एकजुट है और उसकी एकता को कोई कमजोर नहीं कर सकता।”
कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि वह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग और दंडित करने के लिए मजबूती और रणनीतिक स्पष्टता के साथ कदम उठाए। प्रस्ताव में कहा गया, “इस हमले के साजिशकर्ताओं और अपराधियों को उनके कृत्यों के पूर्ण परिणाम भुगतने चाहिए। सरकार को अंतरराष्ट्रीय समन्वय के साथ पाकिस्तान के आतंकवादी प्रयासों पर लगाम लगानी चाहिए।” साथ ही, पार्टी ने पीड़ित परिवारों के लिए दीर्घकालिक पुनर्वास, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और शहीदों की स्मृति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देने की मांग की। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि केवल मुआवजा पर्याप्त नहीं है; पीड़ितों के लिए नैतिक और संस्थागत समर्थन जरूरी है।
हालांकि, कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल भी उठाए। CWC ने पहलगाम जैसे सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में हुई इस घटना को सुरक्षा में गंभीर चूक करार दिया और समयबद्ध जवाबदेही की मांग दोहराई। प्रस्ताव में कहा गया, “देश की जनता को पारदर्शिता और जवाबदेही का अधिकार है। यह समझना जरूरी है कि ऐसी चूक कैसे हुई और इसे दोबारा कैसे रोका जा सकता है।” खड़गे ने विशेष रूप से सरकार की नीतियों की अस्पष्टता पर निशाना साधा, यह कहते हुए कि आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस और पारदर्शी रणनीति की जरूरत है।
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा, “हम इस दुख की घड़ी में सरकार के साथ खड़े हैं। यह समय एकजुट होने का है, न कि बंटने का। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारा पूरा समर्थन सरकार के साथ है।” राहुल की यह टिप्पणी उनकी उस रुख को दोहराती है, जिसमें उन्होंने हमले के तुरंत बाद एकजुटता का संदेश दिया था। हालांकि, उनकी यह बात भी चर्चा में रही कि विपक्ष के तौर पर कांग्रेस सरकार से सवाल पूछने का अपना दायित्व भी निभाएगी।
Published on:
02 May 2025 09:16 pm
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