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जानिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के बारे में, जिन्हें सरकार ने नियमों में ढील देकर दिया तीसरा सेवा विस्तार

Cabinet Secretary Rajiv Gauba Extension: ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा की तरह ही राजीव गौबा को भी केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के तौर पर लगातार तीसरा कार्यकाल विस्तार दिया है। जब राजीव गौबा अपना कार्यकाल पूरा करेंगे तो देश के सबसे लंबे समय तक कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) रहने वाले अफसर का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगे।

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Cabinet Secretary Rajiv Gauba Extension: केंद्र सरकार में चार शीर्ष अफसर ऐसे हैं, जिन्हें बार-बार सेवा विस्तार दिया जा रहा है। मुसीबत के समय सरकार के लिए ये संकटमोचक का काम करते हैं। इनमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, रॉ चीफ सामंत गोयल और ईडी निदेशक संजय मिश्रा शामिल है। चुनावी साल में प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने और विश्वस्त अफसरों के बदले नए अफसर को मुख्य पद की जिम्मेदारी नहीं देना चाहते हैं। इस उदाहरण कई मौकों पर देखने को मिल चुका है। पहले ED के डायरेक्टर संजय मिश्रा को पद पर बनाए रखने के लिए उन्होंने पुराने नियमों में बदलाव कराया, अब नियमों में ढील देकर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। पहले उनका कार्यकाल 30 अगस्त 2023 को समाप्त होने वाला था। लेकिन तीसरा विस्तार मिलने का बाद वो अगस्त, 2024 तक बने कैबिनेट सचिव बने रहेंगे।


सबसे लंबे समय तक Cabinate Secretary रहने का रिकॉर्ड बना लेंगे

राजीव गौबा को मुख्य सचिव के तौर पर यह लगातार तीसरा कार्यकाल विस्तार मिला है। अगले साल जब वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे तो देश के सबसे लंबे वक्त तक Cabinet Secretary रहने वाले पदाधिकारी का रिकॉर्ड बना लेंगे। अब तक यह रिकॉर्ड BP Pandey के नाम था, जिन्होंने 2 नवंबर 1972 से लेकर 1 मार्च, 1977 तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

केंद्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं राजीव गौबा

कैबिनेट सचिव जैसे बड़े पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले गौबा और भी बड़े पदों पर रह चुके हैं। राजीव् गौबा इससे पहले केंद्रीय गृह सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। यहां उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए और नीति सुझाए जो नरेन्द्र मोदी को काफी पसंद आया। इसी कारण 2019 में गौबा को कैबिनेट सचिव के पद पर लाया गया। पहले उनको दो साल का कार्यकाल मिला, जो अगस्त 2021 में समाप्त होना था।

फिर उन्हें एक साल विस्तार मिल गया था, लेकिन 2022 में एक बार फिर से एक्सटेंशन पर रुक गए।अब मोदी सरकार ने उन्हें एक और साल का विस्तार दे दिया है। इस तरह राजीव गौबा अपने कार्यकाल के अतिरिक्त लगातार तीन सेवा विस्तार पा चुके हैं। बता दें कि ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा को भी इसी तरह तीन सेवा विस्तार मिल चुके हैं, जिसका मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा था।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है

पंजाब में जन्मे राजीव गौबा ने पटना विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उन्होंने 2016 में केंद्र सरकार केंद्रीय गृह सचिव के तौर पर सेवा देने से पहले 15 महीनों तक झारखंड में मुख्य सचिव का पद संभाला था।

राजीव गौबा को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का वास्तुकार माना जाता है, जिसके तहत संविधान के आर्टिकल 370 और 35A के तहत दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियों के अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव का दायित्व भी संभाला था।

ऑल इंडिया सर्विसेज रूल्स के तहत मिला विस्तार

केंद्र सरकार के पास ऑल इंडिया सर्विसेज रूल्स के तहत अधिकार है कि वह जनता कि हितों को ध्यान में रखते हुए Cabinet Secretary को 4 साल का सेवा विस्तार दे सकती है। इसी नियम के तहत उन्हें सेवा विस्तार मिला है। राजीव बिहार में भी कुछ समय तक काम कर चुके हैं। केंद्र सरकार में भी उनके पास काम करने का लंबा अनुभव है।

राजीव गौबा ने एक युवा अफसर के तौर पर सिख दंगों की नियंत्रित करने में काफी अहम भूमिका निभाई थी। झारखंड के आदिवासी बहुल दुमका जिले में भी वह डिप्टी डिवेलपमेंट कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा बिहार के नालंदा, मुजफ्फरपुर और गया में भी वह जिलाधिकारी के तौर पर सेवा दे चुके हैं।