इसके पीछे किसी और का नहीं बल्कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के दक्षिण भारत के कमांडर थदियानताविदा नसीर का हाथ है। इसी ने ही रामेश्वरम कैफे के हमलावर का ब्रेनवॉश किया था। वह हमलावर खुद बेंगुलरु सेंट्रल जेल में बंद था। तमिलनाडू से लेकर कर्नाटक के बीच फैले इस नए मॉडयूल को लेकर दोनों राज्यों की एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
रामेश्वरम कैफे बम विस्फोट के बाद जांच एजेंसियों को मैंगलोर प्रेशर कुकर बम विस्फोट और तमिलनाडु के कोयंबटूर में कार बम विस्फोट के बीच एक लिंक मिला। इसी लिंक के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने काम करना शुरू किया तो फिर इसके तार चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै और सलेम में मिले। इसके बाद राज्य के कुछ संवेदनशील इलाकों में तलाशी ली।
तमिलनाडू में बम विस्फोट का बहुत लंबा इतिहास है। इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या भी इसी राज्य में हुई थी। हालांकि हत्या को एलटीटीई ने अंजाम दिया था। दक्षिण भारत में आतंकी संगठन लश्कर के गढ़ के रूप में जाना जाता है। 1998 में कोयंबटूर में हुए धमाकों में 58 लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 8 अगस्त, 1993 को चेन्नई के चेटपेट में आरएसएस मुख्यालय पर बम विस्फोट हुआ था। इसमें 11 लोग मारे गए थे और सात घायल हो गए थे।