
मध्य प्रदेश के हरदा में रिहायशी इलाके में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट और बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की घटना ने एक बार फिर देश में अनेक शहरों में पटाखा सहित खतरनाक कारखानों, दुकानों व अन्य अवैध गतिविधियों पर ध्यान खींचा है। फैक्ट्री संचालकों की गैर-जिम्मेदारी, कानून की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही व मिलीभगत से अनेक शहरों में लोगोंं की जान जोखिम में है।
तमिलनाडु में बनता है देश का सबसे ज्यादा पटाखा
तमिलनाडु में देश का सबसे ज्यादा पटाखा बनाया जाता है। यहां विरुदनगर जिले के शिवगंगा व अरियलूर में पटाखा इकाइयां हैं। पटाखा फैक्टि्रयों में आए दिन हादसे होते रहते हैं और लोगों की जानें जाती हैं। हर बार लाइसेंस की कमी, सुरक्षा मानकों की पालना का अभाव, अप्रशिक्षित श्रमिक जैसे मुद्दे सामने आते हैं। लेकिन समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ। हाल ही चेन्नई के निकट एन्नोर में रिहायशी इलाके में चल रहे अमोनिया संयंत्र से गैस रिसाव के कारण बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए।
अत्तिबेले में गई थी 17 लोगों की जान
कर्नाटक में बेंगलूरु के अत्तिबेले क्षेत्र में पिछले साल अक्टूबर में अत्तिबेले में एक पटाखा गोदाम में हुए धमाके में 17 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह ही दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलतंगड़ी में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 3 लोगों की मौत हो गई थी।
पश्चिम बंगाल में कई जिलों में है पटाखा बनाने के अवैध कारखानें
पश्चिम बंगाल में तो उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदनीपुर, मालदह, मुर्शिदाबाद और उत्तर बंगाल सहित करीब एक दर्जन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखा बनाने के अवैध कारखानों से आसपास रहने वाले लोगों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर 140 पटाखा दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद दुकानों को गैर-रिहायशी इलाके में नहीं भेजा जा रहा। जो दुकानें वैध रूप से संचालित है वहां भी प्रशासन स्टॉक लिमिट की पालना करवाने के लिए जरूरी चैकिंग नहीं कर रहा।
राजस्थान के बीकानेर में 2017 में घनी आबादी वाले पुराने शहर के सोनगिरी कुआं क्षेत्र में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से पांच जनों की मौत हो गई थी। हालांकि बाद मेंं यह कारखाना बाहर भेज दिया गया।
Published on:
07 Feb 2024 08:53 am
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