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दिल्ली में आसान नहीं भाजपा के लिए पिछले प्रदर्शन को दोहराना, ‘इंडिया’ गठबंधन से मुकाबले में बदल सकता है खेल!

Lok sabha election 2024: दिल्ली की 7 सीटों पर भाजपा का पिछले दस साल से कब्जा है। इससे पहले दो चुनावों में भाजपा को त्रिकोणीय मुकाबले का भरपूर फायदा मिला। इस बार भाजपा का मुकाबला इंडिया गठबंधन (आप व कांग्रेस) से होने जा रहा है। ऐसे में भाजपा के सामने 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को दोहराना बड़ी चुनौती है। पढ़िए शादाब अहमद की विशेष रिपोर्ट...

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Lok sabha election 2024 delhi

Lok sabha election 2024: दिल्ली की 7 सीटों पर इस बार लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच गठबंधन होने से यहां 2009 के लोकसभा चुनाव यानी 15 साल के बाद भाजपा सीधे मुकाबले में फंसी है। वहीं सांसदों के खिलाफ लहर की आशंका के चलते भाजपा ने अपने 7 में से 6 सांसदों के टिकट काट कर नए चेहरों पर दांव खेल दिया। दरअसल, दिल्ली की 7 सीटों पर भाजपा का पिछले दस साल से कब्जा है। इससे पहले दो चुनावों में भाजपा को त्रिकोणीय मुकाबले का भरपूर फायदा मिला।

इस बार बदल सकता है खेल

इस बार भाजपा का मुकाबला इंडिया गठबंधन (आप व कांग्रेस) से होने जा रहा है। ऐसे में भाजपा के सामने 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को दोहराना बड़ी चुनौती है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नाम के ब्रांड का क्रेज अब भी दिल्ली की जनता में देखा जा सकता है। यही वजह है कि विधानसभा और नगर निगम के नतीजों की परवाह किए बिना भाजपा फिर से सातों सीटों पर कब्जा जमाने के लिए मैदान में है। उधर, कांग्रेस और आप नेता एक दूसरे के लिए चुनाव प्रचार करते दिख रहे हैं। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के ट्रेंड से साफ पता चलता है कि आप का उदय कांग्रेस के वोट बैंक से हुआ है। दोनों के वोट बैंक का नेचर एक जैसा है। यही भाजपा के लिए चिंता का विषय है।

भाजपा ने उतारे प्रत्याशी

भाजपा ने सात में से छह सांसदों के टिकट काट कर उनकी जगह नए प्रत्याशियों को अवसर दिया है। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली से उतारा है। पश्चिमी दिल्ली सीट से कमलजीत सहरावत और दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को प्रत्याशी बनाया है। चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से योगेश चंदोलिया और पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा को उम्मीदवार बनाया है। उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी का टिकट मिला है।

निगम के नतीजों से उत्साह

करीब 15 साल बाद दिल्ली नगर निगम में भाजपा को 2022 में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।यहां आम आदमी पार्टी का कब्जा है। सात सांसद और केन्द्र सरकार के दिल्ली में होने के बावजूद इस उलटफेर से आप में उत्साह है।