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Long Range Cruise Missile: भारत की तरफ दुश्मन ने नजर भी उठाई तो हो जाएगा नेस्तनाबूद, DRDO ने हासिल की ये शक्ति

Long Range Land Attack Cruise Missile: लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया।

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Long Range Land Attack Cruise Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में एक मोबाइल आर्टिकुलेटेड लांचर से किया गया।

उड़ान परीक्षण के दौरान, मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और मुख्य मिशन उद्देश्य को प्राप्त किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसी विभिन्न ट्रैकिंग प्रणालियों द्वारा की गई, जिनका उपयोग आईटीआर द्वारा कई स्थानों पर मिसाइल उड़ान पथ की सटीक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।

राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलआरएलएसीएम के सफल पहले उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी और कहा कि यह परीक्षण भविष्य के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने भी सफल प्रथम प्रक्षेपण पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी।

ADE ने किया विकसित

एलआरएलएसीएम को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई), बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है, साथ ही इसमें डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों का भी योगदान है। बयान में कहा गया है कि मेसर्स बीडीएल, हैदराबाद और मेसर्स बीईएल, बेंगलुरु एलआरएलएसीएम के लिए दो विकास-सह-उत्पादन-साझेदार (डीसीपीपी) हैं और वे मिसाइल विकास और एकीकरण में लगे हुए हैं।

इस परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के प्रतिनिधियों ने देखा, जो इस प्रणाली के उपयोगकर्ता हैं। एलआरएलएसीएम एक डीएसी-स्वीकृत, एओएन-स्वीकृत, मिशन मोड परियोजना है और इसे मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर का उपयोग करके जमीन से और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग करके फ्रंटलाइन जहाजों से लॉन्च करने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है।