
केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार केवल कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में आयुष की छह में से पांच विधाओं के डॉक्टर मौजूद हैं। देश में सर्वाधिक आयुष चिकित्सक महाराष्ट्र में हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल है। मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में राजस्थान से चार गुणा से अधिक आयुष चिकित्सक उपलब्ध हैं। वहीं, महाराष्ट्र में 160, कर्नाटक 121, उत्तरप्रदेश 117, गुजरात 81, मध्यप्रदेश 62, तमिलनाडु 50 और राजस्थान में महज 45 आयुष महाविद्यालय हैं।
सबसे ज्यादा आयुर्वेद और होम्योपेथी चिकित्सक महाराष्ट्र में हैं। वहीं सर्वाधिक यूनानी चिकित्सक उत्तरप्रदेश में हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के मामले में 1059 डॉक्टरों के साथ कर्नाटक नम्बर वन है। सबसे ज्यादा सिद्धा चिकित्सक केरल में है। वहीं जम्मू कश्मीर के अलावा कहीं भी सोवारिग्पा विधा के डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। यहां इस विधा के 54 डॉक्टर हैं।
आयुष चिकित्सकों की उपलब्धता के मामले में राजस्थान जैसा बड़ा राज्य दसवें पायदान पर है। वहीं, आयुष कॉलेज समेत अन्य संसाधनों में भी हम सातवें स्थान पर है। आश्चर्य की बात यह है कि बहुत कम आयुष चिकित्सक होने के बावजूद देश में सर्वाधिक 919 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एएचडब्ल्यूसी) राजस्थान में हैं।
कहां कितने आयुष चिकित्सक
| राज्य | आयुर्वेद | यूनानी | सिद्धा | प्राकृतिक चिकित्सा | सोवारिग्पा | होम्योपेथी | कुल |
| महाराष्ट्र | 88104 | 7882 | 0 | 0 | 0 | 78057 | 174043 |
| उत्तरप्रदेश | 43670 | 15730 | 0 | 0 | 0 | 36550 | 95950 |
| बिहार | 34023 | 5423 | 0 | 0 | 0 | 34455 | 73901 |
| गुजरात | 28344 | 362 | 0 | 56 | 0 | 28508 | 57270 |
| प.बंगाल | 3865 | 5325 | 0 | 0 | 0 | 41368 | 50558 |
| केरल | 30459 | 178 | 2456 | 342 | 0 | 13943 | 47378 |
| मध्यप्रदेश | 20524 | 195 | 0 | 81 | 0 | 20938 | 43493 |
| कर्नाटक | 19875 | 1199 | 11 | 1059 | 0 | 10713 | 32857 |
| तेलंगाना | 12157 | 5187 | 0 | 390 | 0 | 5500 | 23234 |
| राजस्थान | 11628 | 1200 | 0 | 149 | 0 | 9022 | 21999 |
(केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार आयुष पंजीकृत चिकित्सक)
टॉपिक एक्सपर्ट: क्वालिटी एजुकेशन पर करना होगा फोकस
प्रदेश में आयुष कॉलेजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। सरकार भी ध्यान दे रही है, लेकिन क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करने की दरकार है। दक्षिणी समेत कई राज्यों में निजी आयुष कॉलेज भी अच्छा काम कर रहे हैं। राजस्थान इस मामले में पीछे हैं। आयुष का गुजरात मॉडल भी अपनाया जा सकता है। राजस्थान में आयुष चिकित्सकों के सेलेरी स्ट्रक्चर में भी सुधार होना चाहिए। ताकि नई पीढ़ी का रुझान बढ़ सके।
Published on:
20 Feb 2024 07:59 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
