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महुआ से पहले भी 11 सांसदों पर गिरी थी गाज, 2005 में भी हुआ था कैश फॉर क्वेरी कांड, जानें पूरा मामला

Mahua moitra expelled: सदन में सवाल के बदले रिश्वत का मामला नया नहीं है। साल 2005 में भी कैश फॉर क्वेरी मामला सामने आया था, जिसमें 11 सांसदों पर गाज गिरी थी। आइए जानते हैं उस दौरान क्या हुआ था?

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Mahua moitra expelled from lok sabha

TMC MP Mahua Moitra: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को आज यानी 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। जिसके बाद विपक्ष के सभी सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर गए। सांसद मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी मामले में कार्रवाई की गई है। टीएमसी सांसद के निष्कासन के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री समेत ममता बनर्जी और कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी समेत विपक्ष कई सांसदों से सरकार पर हमला बोला है। ममता बनर्जी ने इस निर्णय को लोकतंत्र की हत्या बताया,जबकि महुआ मोइत्रा ने इसे भाजपा के अंत की शुरुआत करार दिया है।

साल 2005 में भी नपे थे 11 सांसद

सदन में सवाल के बदले रिश्वत का मामला नया नहीं है। साल 2005 में भी कैश फॉर क्वेरी मामला सामने आया था, जिसमें 11 सांसदों पर गाज गिरी थी।

दरअसल, साल 2005 में एक निजी चैनल के दो पत्रकारों ने एक स्ट्रिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें लोकसभा के 11 सांसद सवाल के बदले रिश्वत लेते पकड़े गए थे, जिसका वीडियो चैनल ने 12 दिसंबर 2005 को टेलीकॉस्ट किया था। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। जिसमें 10 सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया गया था, जबकि लोढ़ा को राज्यसभा से हटा दिया गया था।

इन नेताओं पर हुई थी कार्रवाई

इस केस में वाई जी महाजन भाजपा, छत्रपाल सिंह लोढ़ा भाजपा, अन्ना साहेब एम के पाटिल भाजपा, मनोज कुमार राजद, चंद्र प्रताप सिंह भाजपा, राम सेवक सिंह कांग्रेस, नरेन्द्र कुमार कुशवाहा बसपा, प्रदीप गांधी भाजपा, सुरेश चंदेल भाजपा, लाल चंद्र कोल बसपा और राजा रामपाल बसपा पर कार्रवाई हुई थी।

कमेटी की सिफारिश के बाद किया गया निष्कासित

इसके बाद संसद ने इस मामले की जांच विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्ययीय एथिक्स कमेटी को सौंपी दी। जांच के दौरान दिग्गज बिजनेसमैन हीरानंदानी ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने संसद में सवाल के बदले महुआ को महंगे गिफ्ट और पैसे दिए थे। इसके बाद कमेटी की सुनवाई में महुआ ने विदेश में संदन की आईडी लॉगिन करने की बात स्वीकार की थी। इस मामले में लगभग दो महीने की जांच के बाद शुक्रवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। कमेटी की रिपोर्ट में टीएमसी सांसद को एक सासंद होने के नाते नैतिक व्यवहार में दोषी पाया गया और उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। जिसको लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार करते हुए महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित कर दिया है।

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