
आबकारी नीति घोटाला केस में जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थम नहीं रही हैं। एक तरफ जहां उनकी पार्टी के कई बड़े नेता कई महीनों से जेल में बंद है तो वहीं अब उनके साथी भी हाथ छुड़ाने लगे हैं। खबरें आ रही हैं कि, पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देते हुए आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार को लेकर आरोप लगाये हैं। इस्तीफा देते वक्त राजकुमार आनंद ने कहा कि, भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी की जो नीति है, उससे वह सहमत नहीं है।
बता दें कि नवंबर 2023 में जब प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम केजरीवाल को जब शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था तो इससे ठीक पहले केंद्रीय एजेंसी ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था। ईडी की टीम मंत्री आनंद के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर छानबीन की थी। एजेंसी को राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था।
आम आदमी पार्टी ने लोगों के वादे को पूरा नहीं किया
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने लोगों से वादा किया था, उस वादे को पूरा नहीं किया गया। आम आदमी पार्टी असल मुद्दों से भटक चुकी है। आनंद ने आगे कहा कि मैं आज से आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं इन भ्रष्टाचारियों के साथ अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से मैंने जीवन मंत्र लिया है। उसी वजह से मैं व्यापारी होते हुए भी एनजीओ में आया, एमएलए बना, जनप्रतिनिधि बना, मंत्री बनकर लोगों की सेवा में आया। मैं आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा हुआ, जो बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की बात करते थे।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब का फोटो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर सरकारी दफ्तर पर लगती है, लेकिन, जब बाबा साहेब के विचारों पर काम नहीं किया जा रहा। रिजर्वेशन संवैधानिक मजबूरी है, हमारे यहां पर 13 राज्यसभा सांसद हैं। आम आदमी पार्टी का उनमें से एक भी दलित या पिछड़ा या महिला कोई भी राज्यसभा सांसद नहीं है। जब रिजर्वेशन की बात आती है तो यह पार्टी चुप्पी साध लेती है।
राजकुमार आनंद ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में बहुत सारे लोगों की भर्ती की गई, जिनकी दो-दो लाख रुपये सैलरी थी और उसमें दलितों को कोई भी जगह नहीं दी गई। इस बात से मुझे बहुत नाराजगी हुई और मैं यहां पर खुलकर काम नहीं कर सकता। मैं एससी/एसटी का मंत्री होने के नाते पार्टी में कुछ काम नहीं कर पा रहा और मैं अब भ्रष्टाचारियों के साथ काम करना नहीं चाहता, इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
उन्होंने कहा कि इस पार्टी में दलित विधायक पार्षद और मंत्री का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। अभी जो नेता हैं, उनमें कोई भी दलित नहीं है। संगठन में कोई भी दलित नेता नहीं है। किसी राज्य का प्रभारी भी दलित नहीं बनाया गया है, ऐसे हालात में दलित वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उनमें से मैं एक मंत्री हूं, जो मैं किसी ऊंची जाति का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन हम सब का अधिकार है।
कौन हैं राजकुमार आनंद?
केजरीवाल कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से पहले विधायक रह चुकी हैं। राजकुमार आनंद को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह कैबिनेट में शामिल किया गया था।
Updated on:
11 Apr 2024 02:55 pm
Published on:
10 Apr 2024 05:03 pm
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