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देश के इस राज्य में नहीं होंगे एक भी भिखारी, विधानसभा में पास हुआ बिल

Bagger in India: मिजोरम विधानसभा ने 'मिजोरम प्रोहिबिशन ऑफ बेग्गरी बिल, 2025' को मंजूरी दे दी। इस कानून का उद्देश्य न केवल भीख मांगने पर रोक लगाना है बल्कि भिखारियों को सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

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भारत

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Devika Chatraj

Aug 28, 2025

भिक्षावृत्ति मुक्त राज्य (AI Generated Image)

Beggars Free State: मिजोरम विधानसभा ने बुधवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'मिजोरम प्रोहिबिशन ऑफ बेग्गरी बिल, 2025' को मंजूरी दे दी। इस कानून का उद्देश्य न केवल भीख मांगने पर रोक लगाना है, बल्कि भिखारियों को सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। इस बिल के साथ मिजोरम देश का पहला ऐसा राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है, जहां भिक्षावृत्ति पूरी तरह समाप्त हो सकती है।

बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक के तहत राज्य सरकार एक 'राहत बोर्ड' का गठन करेगी, जो भिखारियों के लिए 'रिसीविंग सेंटर' स्थापित करेगा। इन केंद्रों में भिखारियों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा और 24 घंटे के भीतर उन्हें उनके मूल घर या राज्य वापस भेजा जाएगा। समाज कल्याण मंत्री लालरिनपुई ने बताया कि मिजोरम में वर्तमान में भिखारियों की संख्या बहुत कम है। राजधानी आइजोल में समाज कल्याण विभाग के सर्वे के अनुसार, 30 से अधिक भिखारी हैं, जिनमें से कई बाहर के राज्यों से आए हैं।

क्यों जरूरी था यह कानून?

मंत्री लालरिनपुई ने विधानसभा में कहा कि मिजोरम की सामाजिक संरचना, चर्चों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की सक्रिय भागीदारी, और सरकारी योजनाओं के कारण राज्य में भिक्षावृत्ति पहले से ही न्यूनतम है। हालांकि, आगामी सैरांग-सिहमुई रेल लाइन के उद्घाटन, जो 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा, के बाद बाहर से भिखारियों के आने की आशंका बढ़ सकती है। इस बिल का उद्देश्य इस स्थिति को नियंत्रित करना और मिजोरम को भिखारी मुक्त बनाना है।

विपक्ष ने जताई आपत्ति

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नेता लालचंदमा राल्ते ने इस कानून को मसीही आस्था के खिलाफ और राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि भिखारियों की मदद के लिए समाज और चर्च की भागीदारी को और मजबूत किया जाए। हालांकि, मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने स्पष्ट किया कि इस कानून का मकसद सजा देना नहीं, बल्कि भिखारियों का पुनर्वास करना और उन्हें सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है।

मिजोरम की अनूठी पहल

मिजोरम सरकार का यह कदम न केवल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। सरकार, चर्च, और एनजीओ के सहयोग से मिजोरम भिखारी मुक्त राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जो सामाजिक और आर्थिक समावेशिता को बढ़ावा देगा।