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‘MNREGA का नाम बदलना महात्मा गांधी की दूसरी हत्या’ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने BJP पर साधा निशाना

चिदंबरम ने कहा BJP महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है, वो चाहते हैं कि महात्मा गांधी भारतीयों की यादों से मिट जाए और आने वाले बच्चों को महात्मा गांधी के बारे में कुछ भी न पता हो।

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भारत

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Himadri Joshi

Dec 17, 2025

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने मनरेगा का नाम बदलने पर जताई आपत्ति। (फोटो : एएनआई)

MNREGA G Ram G row: मनरेगा योजना का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फ़ैसले ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। केंद्र की इस घोषणा के बाद से ही विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और उसे महात्मा गांधी का अपमान बता रहा है। अब इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का बयान सामने आया है। चिदंबरम ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे महात्मा गांधी की दूसरी हत्या बताया है।

आज लोकसभा में पेश किया गया नया बिल 

कांग्रेस के कड़े विरोध के बाद आज मोदी सरकार ने नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन (ग्रामीण) बिल’ लोकसभा में पेश कर दिया। कांग्रेस (UPA) सरकार द्वारा शुरू की गई मशहूर मनरेगा योजना की जगह यह नया बिल लाया गया है। चिदंबरम ने ही 2004 के बजट में इस बिल की घोषणा की थी। अब इसका नाम बदले जाने पर कांग्रेस नेता ने BJP सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, कई सालों तक पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की छवि ख़राब करने के बाद अब BJP महात्मा गांधी को निशाना बना रही है।

महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही BJP 

चिदंबरम ने कहा BJP महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है, वो चाहते हैं कि महात्मा गांधी भारतीयों की यादों से मिट जाए और आने वाले बच्चों को महात्मा गांधी के बारे में कुछ भी न पता हो। लोगों की ज़ुबान पर महात्मा गांधी का नाम भी नहीं आए। वो लोग महात्मा गांधी को देश के इतिहास से मिटाना चाहते हैं। भाजपा सरकार ने जब से नई योजना के नाम की घोषणा की है तब से कांग्रेस लगातार उस पर हमलावर है। कांग्रेस के साथ-साथ Mamta Banerjee की TMC पार्टी भी इस मामले को लेकर सरकार का विरोध कर रही है।

नए बिल ने मनरेगा की आत्मा को ख़त्म किया 

क्या यह नया बिल कम करेगा, इसके बारें में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, मनरेगा में किए गए बदलावों ने इस योजना की आत्मा और इसके मूल भावों को ख़त्म कर दिया है। चिदंबरम ने आगे कहा, जब मैंने 2004-2005 में पहली बार इस योजना की घोषणा की थी तब मैंने डॉ. मनमोहन सिंह की बात दोहराई थी कि सरकारी पैसों पर सबसे पहला हक़ गरीबों का है। इस योजना का मकसद आजीविका की सुरक्षा की गारंटी देना था। लेकिन यह नया बिल मनरेगा के मूल उद्देश्य के तीनों पहलुओं को खत्म कर देता है।

इस नए बिल में कोई गारंटी नहीं 

यह नया बिल गारंटी, आजीविका और सुरक्षा को ख़त्म करता है। फिर आप इसे गारंटी वाला बिल क्यो कह रहे हैं। इसमें कोई गारंटी नहीं है। यह ग्रामीण गरीबों के लिए आजीविका सुनिश्चित नहीं करता है। इसमें अब कोई सुरक्षा नहीं बची है इसलिए, यह बिल उस सोच के बिल्कुल ख़िलाफ़ है जिसकी कल्पना हमने 2004-2005 में की थी और जो पिछले बीस सालों में विकसित हुई है।