Monsoon Update 2024: देश तेज गर्मी और लू के दौर से गुजर रहा है। सबको इंतजार राहत की बूंदों का है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में मानसून की शुरुआत कब होती है। भारत में मानसून किस दिशा से आता है और कैसे आता है। दरअसल, भारत में मानसून का मौसम जून की शुरुआत से सितंबर के मध्य तक 100 से 120 दिनों के बीच रहता है। भारतीय महाद्वीप के दक्षिणी सिरे पर मानसून जून के पहले सप्ताह में दस्तक देता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से मानसून मई के आखरी सप्ताह में भी दस्तक दे रहा है।
मानसून एक मौसमी पवन प्रणाली है जो गर्मियों में समुद्र से ज़मीन की ओर और सर्दियों में समुद्र से ज़मीन की ओर चलती है। भारतीय मानसून विशाल संवहन कोशिकाओं से बना है। वे नियमित या द्वितीयक हवाएँ हैं जिनकी हवा की दिशा नियमित आधार पर उलट जाती है।
भारत में मानसून की जून से मध्य सितंबर तक भारी वर्षा होती है। कभी-कभी, अधिक वर्षा के के चलते कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आ जाते है। इससे मुख्य रूप से मैदानी क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, कुछ राज्यों में उत्कृष्ट वर्षा जल संचयन प्रणालियाँ हैं जो उन्हें वर्षा जल का उपयोग करने में सक्षम बनाती हैं। गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में वर्षा जल संचयन किया जाता है।
जैसे-जैसे ये हवाएँ भूमि के पास पहुँचती हैं, उनकी दक्षिण-पश्चिमी दिशा उत्तर-पश्चिम भारत पर राहत और तापीय निम्न दबाव द्वारा बदल जाती है।
मानसून भारतीय भूभाग पर दो शाखाओं में पहुँचता है:
अरब सागर शाखा - अरब सागर के ऊपर से उत्पन्न होने वाली मानसूनी हवाएँ।
बंगाल की खाड़ी शाखा - म्यांमार के तट के साथ अराकान पहाड़ियाँ इस शाखा के एक बड़े हिस्से को भारतीय उपमहाद्वीप की ओर मोड़ती हैं। इसलिए, मानसून पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में दक्षिण-पश्चिम दिशा के बजाय दक्षिण और दक्षिण-पूर्व से प्रवेश करता है।
Updated on:
12 May 2024 08:20 am
Published on:
10 May 2024 11:47 am