इंदिरा गांधी से जुड़ा राष्ट्रीय बालिका का इतिहास
बालिका दिवस का इतिहास देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है। 1966 में जब इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं तो उनका शपथ ग्रहण समारोह 24 जनवरी को ही हुआ था। यह दिन भारत के इतिहास में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अहम है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाने का फैसला लिया गया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के उद्देश्य
भारत में बालिकाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने, किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और करियर के लिए मार्ग बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना है। इस दिन केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ की संख्या यूनिसेफ की ओर से कई तरह के कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
बालिकाओं के विकास में यूनिसेफ की भूमिका
यूनिसेफ बच्चों, किशोरियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है। भारत में किशोरियों की स्थिति को मजबूत करने और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की किलकारी योजना में यूनिसेफ का भी सहयोग रहा। इस योजना के तहत कई किशोरियों को अपने सपने पूरे करने और करियर बनाने का मौका मिला। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी यूनिसेफ कार्य कर रहा, साथ ही बाल विवाह जैसी कुरीति को खत्म करने की दिशा में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।
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