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नेपाल में फंसे नागरिकों की वापसी के लिए एक्शन में आई गुजरात और आंध्र प्रदेश सरकार

Nepal Protest: नेपाल में बढ़ते हिंसक प्रदर्शन के बीच, आंध्र प्रदेश और गुजरात की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों के वहां फंसे नागरिकों की सुरक्षा और वापसी के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।

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नेपाल हिंसा (IANS)

Nepal Gen Z Protest: नेपाल में अशांति और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, आंध्र प्रदेश और गुजरात की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों के वहां फंसे नागरिकों की सुरक्षा और वापसी के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने 187 तेलुगु लोगों की पहचान की है, जो नेपाल के विभिन्न स्थानों पर फंसे हैं, और रियल टाइम गवर्नेंस (RTG) मंत्री नारा लोकेश अमरावती के आरटीजी केंद्र से बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। दूसरी ओर, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और गुजराती नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। दोनों राज्य सरकारें भारतीय दूतावास और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं।

नेपाल में बड़ी संख्या में गुजराती नागरिक

ऋषिकेश पटेल ने बताया कि हाल ही में बड़ी संख्या में गुजराती नागरिक पर्यटन और अन्य कारणों से नेपाल गए थे। राज्य सरकार उनकी सुरक्षा व कुशलता को लेकर पूरी तरह सतर्क है। सरकार का प्रयास है कि सभी गुजराती नागरिकों को सुरक्षित रूप से गुजरात वापस लाया जाए।

नेपाल में गुजरात के 18 लोग फंसे होने का दावा

इससे पहले, गुजरात से आने वाले राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि नेपाल में गुजरात के 18 लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "नेपाल के काठमांडू एयरपोर्ट पर उड़ानें ठप हैं। हमारे बहुत से भारतीय वहां फंस गए हैं। गुजरात के केनन पटेल ने फोन पर बताया कि उनके साथ 18 गुजराती लोगों का ग्रुप भी फंस गया है।"

आंध्र प्रदेश सरकार भी प्रयास में जुटी

आंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल में हिंसा के कारण फंसे 187 नागरिकों की पहचान की है, जो चार स्थानों—बाफल (27), सिमिलकोट (12), महादेव होटल, पशुपति (55), और पिंगलस्थान, गौशाला (90)—में फंसे हैं, और उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल उपाय किए जा रहे हैं। मंत्री नारा लोकेश, अमरावती में रियल टाइम गवर्नेंस सेंटर से बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, और इसके लिए उन्होंने अनंतपुर की यात्रा रद्द कर दी है।

सोशल मीडिया बैन पर भड़का विवाद

कांग्रेस सांसद ने सरकार से अनुरोध किया कि तुरंत नागरिकों को भारत आने के लिए व्यवस्था की जाए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। बता दें कि नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध और उसके बाद भड़के जन-आंदोलन, जिसे 'जेन-जेड विरोध' के नाम से जाना जा रहा है, के कारण वहां अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। इस अशांति में कम से कम 22 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की खबर है।