
NITI Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश की नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के अनुकूल बनाने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि भारत सही दिशा में चल रहा है और आज देश के लोगों में आत्मविश्वास झलक रहा है। नीति आयोग की संचालन परिषद की नौवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है और इसके लिए राज्यों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। नीति आयोग ने डिजिटल मीडिया मंच X पर बैठक में प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ अंश पोस्ट किया जिनमें मोदी को उद्धरित करते हुए कहा, "यह दशक बदलावों, तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों और अवसरों का है। भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए।
कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने इस अहम बैठक में भाग नहीं लिया। लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी इस बात को लेकर हुई कि एनडीए सरकार के सहयोगी व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया। बता दें कि इस महत्वपूर्ण बैठक में नीतीश के अनुपस्थित रहने का कारण अभी पता नहीं चल सका है।
नीतीश कुमार को लेकर किए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री नीतीश आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे। मुख्यमंत्री पहले भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन उपमुख्यमंत्री ने किया था। इस बार भी दोनों उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल होने गए हैं। इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री भी आयोग के सदस्य हैं और वे बैठक में मौजूद रहेंगे। इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है।"
इस बैठक से किनारा करने वाले मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकार शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने भी बैठक में शामिल नहीं हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बैठक के बीच में उठकर बाहर आ गई थी।
मोदी ने कहा, "हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने सौ साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया है। हमारे लोग उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।" उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य की साधना में राज्यों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से 2047 तक विकसित भारत के अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। विकसित राज्य ही विकसित भारत बनाएंगे।" मोदी ने कहा कि 2047 तक 'विकसित भारत का लक्ष्य हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है।' उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्य सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं।
Published on:
27 Jul 2024 05:36 pm
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