
आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कमर कस ली है। पार्टी ने बंगाल में 42 सीटों में से 35 जीतने का लक्ष्य रखा । केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार रात देर रात कोलकाता पहुंचकर मंगलवार को बंगाल भाजपा की कोर कमेटी के साथ बैठक की।पार्टी ने इस राज्य में चुनावी युद्ध के लिए कड़ी तैयारी करनी शुरु कर दी है और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी संभावनाओं का ख्याल रखा जा रहा है।
सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता: अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। अपने बयान के माध्यम से, वह बंगाल के लोगों को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून उपयुक्त और कानूनी है और इसे अपनाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
CAA लागू करना हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा,"कभी-कभी, वह लोगों, शरणार्थियों को गुमराह करने की कोशिश करतीं हैं कि क्या सीएए देश में लागू होगा या नहीं। मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सीएए देश का कानून है और कोई भी इसके कार्यान्वयन को रोक नहीं सकता है।
यह यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है। बता दें कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सीएए का विरोध कर रही है, जिसे 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था। सीएए को लागू करने का वादा पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा था।
बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह ने क्या कहा?
भाजपा के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि हमें अगले विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाने के लिए काम करना है। बंगाल में भाजपा सरकार का मतलब घुसपैठ, गाय तस्करी का अंत और सीएए के माध्यम से धार्मिक रूप से सताए गए लोगों को नागरिकता प्रदान करना होगा। गृहमंत्री ने पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को साफ रूप से प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य है सत्ता में आकर सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करना।
क्या है सीएए ?
सीएए, या नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act), का उद्देश्य है भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए नागरिकता प्रदान करना, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें धार्मिक या जातिवादी परिस्थितियों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
इसके तहत, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, और ईसाई समुदायों के सदस्यों को नागरिकता प्रदान की जाती है, जो 31 दिसंबर 2014 के या उससे पहले भारत आए हैं। यह कानून हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है। बता दें कि CAA का यह कानून 2019 में भारतीय संसद द्वारा पास किया गया था।
Published on:
27 Dec 2023 12:03 pm
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