
PM Modi 3.0 : लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट भारतीय जनता पार्टी के मनमुताबिक नहीं आया है। नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक करियर में पहली बार गठबंधन के भरोसे देश की सत्ता संभालेंगे। रिजल्ट आने के बाद जब पीएम मोदी अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आए थे तब उनके चेहरे पर उस भाव की कमी साफ़ झलक रही थी, जो 2019 लोकसभा रिजल्ट आने के बाद थी। बीजेपी 240 सीटें पाकर सबसे बड़ा दल है, लेकिन बहुमत से आंकड़ों से 32 सीट दूर है। यही वजह है कि सस्पेंस बना हुआ है और सरकार गठन को लेकर रस्साकशी का दौर जारी है। दूसरी तरफ, इंडिया अलायंस के सभी दलों ने मिलकर भी भाजपा से कम सीटें जीती, उसके बाद भी जश्न के मूड में हैं। जिसका कोई वाजिब कारण नहीं दिखाई दे रहा है। इधर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है कि वो सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
बता दें कि कांग्रेस बीते 10 सालों से सत्ता से बाहर है, राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी अपने सबसे बुरे को देख चुकी है। 2019 में रिजल्ट आने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन पार्टी की स्थिति में कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला। इस बार पार्टी ने 99 के आंकड़े को छुआ है और चाह रही है कि किसी तरह सरकार का हिस्सा बने और भाजपा को बाहर किया जाए।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि भाजपा बहुमत से दूर है, इसलिए सरकार बनाने का नैतिक आधार उनके पास नहीं है। लेकिन आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में जितनी सीटें जीतीं है, कांग्रेस 2014, 2019 और 2024 को मिलाकर भी उतनी सीट नहीं जीत पाई है। बीजेपी ने इस चुनाव में अकेले दम पर 240 सीटों पर अपना झंडा लहराया है वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने 2014 में 44 , 2019 में 52 और 2024 में 99 सीटें जीती है। तीनों को मिलाकर आंकड़ा 195 ही पहुंच पाता है। ऐसे में कांग्रेस नैतिकता के किस आधार पर सरकार बनाने की बात कर रही है, यह बड़ा प्रश्न है।
इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव 2024 में ठीकठाक प्रदर्शन किया है। पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों का दावा इस चुनाव में फुस्स साबित हो गया। पीएम मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा लगाया था तो दूसरी ओर राहुल गांधी 295 सीट लाने की बात कर रहे थे। लेकिन दोनों में से किसी का नारा सही साबित नहीं हुआ। दो बार पूर्ण बहुमत पाने के बाद इस बार बीजेपी गठबंधन के साथी के भरोसे सरकार चलाएगी।
बीजेपी के कई साथी तो उनके साथ मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं लेकिन सबकी नजर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर है कि वो पलटी मार देंगे तो क्या नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बन पाएंगे। ऐसे में यह जानना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि सीटों का समीकरण क्या कहता है।
एनडीए गठबंधन का साथ छोड़कर अगर नीतीश, इंडिया गठबंधन में जाते हैं तो बीजेपी को झटका जरूर लगेगा, लेकिन कई अन्य सहयोगियों के भरोसे वह सत्ता में आ सकता है। भाजपा को इस बार 240 सीटें मिली हैं और चंद्रबाबू नायडू की 16 सीटें हैं। दोनों को मिला लें तो आंकड़ा 256 हो जाता है। इसके बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास भी 7 सांसद हैं। इस तरह नंबर 263 हो गया। फिर खुद को मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान के पास भी 5 सांसद हैं। इन्हें मिलाकर आंकड़ा 268 हो जाता है। आंध्र की जनसेना के पास 2 और जयंत चौधरी की आरएलडी के पास भी दो सीटें हैं। इसके अलावा नार्थईस्ट से भी इन्हें सपोर्ट मिलेगा। सबको मिलकर आंकड़ा 280 के करीब पहुंच जाता है जो सरकार बनाने के लिए काफी है।
Updated on:
05 Jun 2024 03:59 pm
Published on:
05 Jun 2024 03:04 pm
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