मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘चूंकि तेल की परत (ऑयल स्लिक) केरल के तट के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती है, इसलिए पूरे तटीय क्षेत्र में सतर्कता जारी कर दी गई है। कंटेनर समुद्र में 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रहे हैं। गिरे हुए कंटेनरों में मौजूद तेल के अलावा, जहाज में इस्तेमाल होने वाला समुद्री ईंधन भी लीक हो गया है।’
जहाज पर कुल 643 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक रसायन थे, जिनमें कैल्शियम कार्बाइड भी शामिल है। कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर अत्यधिक ज्वलनशील एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जिससे विस्फोट या आग लगने का खतरा हो सकता है।
जनता के लिए चेतावनी
किसी भी तैरते हुए या तट पर पड़े कंटेनर या मलबे के पास न जाएं और उन्हें छूने की कोशिश न करें। जहाज का माल कस्टम क्लियरेंस के बिना था, इसलिए इसे हटाना या चुराना गैरकानूनी है। तिरुवनंतपुरम जोन के सीमा शुल्क के मुख्य आयुक्त के कार्यालय द्वारा जारी परामर्श के अनुसार घटना के समय जहाज पर मौजूद सभी सामान पर शुल्क नहीं चुकाया गया था और ऐसे सामान को किसी भी तरह से अनधिकृत तरीके से हटाना या चुराना अवैध है। केरल तट पर सीमा शुल्क समुद्री और निवारक इकाइयों को तैनात किया गया है और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में निगरानी जारी है।
24 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल
तटरक्षक बल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “लाइबेरिया के ध्वज वाले कंटेनर जहाज MSC ELSA 3 के सभी 24 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनमें से 21 को भारतीय तटरक्षक बल ने जबकि शेष 3 को भारतीय नौसेना के जहाज ‘सुजाता’ ने बचाया। यह जहाज आज सुबह कोच्चि के तट के पास डूब गया। जहाज पर कुल 640 कंटेनर लदे थे, जिनमें से 13 कंटेनरों में खतरनाक सामग्री और 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड भरा हुआ था। इसके अलावा, जहाज के ईंधन टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीज़ल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल मौजूद था।” राज्य सरकार की ओर से आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में, जिसमें नौसेना और तटरक्षक बल के अधिकारी भी मौजूद थे, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने जानकारी दी कि लगभग 100 कंटेनर समुद्र में गिरने की संभावना है।
कोच्चि में एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि तेल फैलाव को कम करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, “प्रदूषण नियंत्रण कार्रवाई चल रही है और तटरक्षक बल का जहाज सक्शम तेल फैलाव को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए तटरक्षक बल का डॉर्नियर विमान भी उड़ान भर चुका है और स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है।