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पालघर की दवा कंपनी में गैस लीक होने से चार मजदूरों की दर्दनाक मौत,सुरक्षा पर उठे सवाल

Palghar Gas Leak: महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक फार्मा कंपनी में नाइट्रोजन गैस लीक होने से चार मजदूरों की मौत हो गई।

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भारत

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MI Zahir

Aug 21, 2025

Palghar Gas Leak

पालघर की दवा कंपनी लोडी फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड। (फोटो: IANS .)

Palghar Gas Leak: महाराष्ट्र के पालघर (Palghar gas leak) जिले के तारापुर-मिडस औद्योगिक क्षेत्र में गुरुवार शाम एक गंभीर हादसा हुआ। मेलोडी फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के प्लांट संख्या F‑13 में नाइट्रोजन गैस लीक (Maharashtra factory accident) हो गई, जिससे छह कामगार बेहोश हो गए। चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो की हालत गंभीर (Pharma company gas leak) बनी हुई है। गैस लीक होने (Nitrogen leak Palghar) के तुरंत बाद अस्पताल और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को शिंदे अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया। अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल

यह घटना औद्योगिक सुरक्षा की बड़ी विफलता को दिखाती है। इस दुर्घटना ने सवाल खड़े कर दिए कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन कम किया गया था? आगे की जांच में यह पता लगाया जाना अहम है कि क्या उचित उपकरण, प्रशिक्षण और आपातकालीन तैयारी मौजूद थी।

यह केवल एक घटना नहीं,पूर्व हादसों की याद ताजा

याद रहे, इससे पहले भी पालघर में कई बार रासायनिक या गैस लीक जैसी घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2022 और 2025 में भी इस इलाके में रासायनिक रिसाव और गैस लीक की गंभीर घटनाएं हुई थीं जिनमें कई लोग प्रभावित हुए थे।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया,जांच और सावधानी

स्थानीय प्रशासन ने हादसे के बाद क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए। डीएसएमसी की टीम ने तुरंत हादसे की जाँच शुरू कर दी। औद्योगिक सुरक्षा निदेशालय (DISH) द्वारा प्राथमिक जांच की गई है, और आगे की गहन रिपोर्ट बनी रहेगी।

औद्योगिक सुरक्षा सुधार की जरूरत (Industrial safety India)

यह घटना यह याद दिलाती है कि औद्योगिक इकाइयों में नियमित निरीक्षण, सुरक्षा नियमों का पालन और आपातकालीन जवाबदेही कितनी जरूरी है। कंपनियों को चाहिए कि वे न केवल कामगारों को संरक्षित करें, बल्कि आसपास के इलाकों को भी चेतावनी नेटवर्क से जोड़ें।

औद्योगिक सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होना चाहिए

बहरहाल पालघर के इस दुखद हादसे ने एक बार फिर यह पुष्टि की है कि औद्योगिक सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। चार जिंदगियां चली गईं, वहीं दो और अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो, इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएँ।