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परीक्षा पेपर लीक बना नासूर! 5 साल में 1.40 करोड़ युवाओं का कैरियर लगा दांव पर

किसी एक राज्य या किसी एक राजनीतिक दल की सरकारों तक पेपर लीक के मामले सीमित नहीं हैं। उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक और तेलंगाना, पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में कर्नाटक और महाराष्ट्र सभी राज्यों में पेपर लीक के मामले सामने आए हैं।

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पिछले पांच साल में परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामलों पर गौर करें तो साफ है कि इस बीमारी से कमोबेश पूरा देश ग्रस्त है। किसी एक राज्य या किसी एक राजनीतिक दल की सरकारों तक पेपर लीक के मामले सीमित नहीं हैं। उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक और तेलंगाना, पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में कर्नाटक और महाराष्ट्र सभी राज्यों में पेपर लीक के मामले सामने आए हैं।


अलग-अलग तरीके से राज्यों में पेपर हुए लीक

पेपर लीक होने के तरीके सभी राज्यों में अलग-अलग रहे हैं। असम में, एग्जाम शुरू होने के कुछ मिनट बाद प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गया था। वहीं, राजस्थान में एक राज्य कर्मचारी ने ही कथित तौर पर एक सरकारी कार्यालय से पेपर चुरा लिया था। मध्य प्रदेश पुलिस के अनुसार, आरोपी मुंबई में परीक्षा आयोजित करने वाली एक निजी कंपनी के सर्वर को हैक करने में कामयाब रहे, जबकि महाराष्ट्र में एक छात्र ने सोशल मीडिया पर पेपर लीक का दावा करते हुए पुलिस से संपर्क किया था।

गुजरातः 2019 में परीक्षा रद्द, अप्रैल 2022 में दोबारा परीक्षा

गुजरात में नवंबर 2019 में क्लर्क और कार्यालय सहायकों के करीब 4,000 पदों के लिए भर्ती परीक्षा में लगभग 6 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए। परीक्षा रद्द होने के बाद, इंतजार दो साल से अधिक समय तक चला। गुजरात अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड ने अप्रैल 2022 में पुन: परीक्षा आयोजित की।