दिल्ली के सरकारी हॉस्पिटलों में रुटीन टेस्ट के लिए भी मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे मरीज के साथ-साथ उनके परिजन भी परेशान हो रहे है। देश की राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी है तो सोच सकते हैं कि देश के अन्य हिस्सों में इलाज की कैसी व्यवस्था कैसी होगी?
कोरोना काल के बाद देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के कई दावें किए गए। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने तरह से व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन समुचित इलाज के लिए आम लोगों को अब भी धक्के खाने पर पड़ रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में रूटीन टेस्ट के लिए भी मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे मरीज के साथ-साथ उनके परिजन भी परेशान हो रहे हैं। जिन लोगों के पास पैसा है, वो प्राइवेट हॉस्पिटलों का रुख करते हैं। लेकिन जिन लोगों के पास पैसा नहीं है, पहुंच नहीं है, वो सरकारी अस्पतालों की लंबी लाइन में चप्पल घिस रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के सामान्य जांच के लिए भी महीनों के इंतजार से जुड़ी एक रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने प्रकाशित की है। रिपोर्ट ने कई मरीजों की परेशानी का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे सरकारी अस्पताल में रूटीन जांच के लिए भी महीनों का इंतजार करना पड़ रहा है।
23 नवंबर 2022 को लगी चोट, एक्स रे के लिए दो दिसंबर 2023 का डेट मिला
पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी की रहने वाली माधुरी कुमारी का 12 वर्षीय बेटा सूरज 23 नवंबर 2022 को सीढ़ियों गिर गया था। सीढ़ियों से गिरने से सूरज को काफी चोट आई। जिसके बाद इलाज के लिए बेटे को लेकर माधुरी लोकनायक हॉस्पिटल पहुंची। जहां घंटों तक लाइन में लगने के बाद इमरजेंसी स्टाफ ने एक्सरे कराने की बात कही। एक्सरे की बात सुन माधुरी ओपीडी काउंटर में घंटों तक लाइन में लगी। फिर उसे एक्सरे के लिए दो दिसंबर 2023 का डेट मिला।
आपका केस इमरजेंसी नहीं, ज्यादा दिक्कत है प्राइवेट में जाओ
एक्स-रे के लिए दिसंबर 2023 का डेट मिलने पर माधुरी ने बताया कि शुरुआत में मुझे लगा कि यह टाइपिंग एरर है। मैं दोबारा काउंटर पर गई और क्रॉस चेक करवाया। जहां बताया गया कि आपके बेटे की चोट के एक्स-रे के लिए सबसे नजदीकी डेट यही है। माधुरी ने बताया कि मैंने काउंटर पर मौजूद कर्मियों से जल्द एक्स-रे का डेट देने की मिन्नतें की। लेकिन उन लोगों ने कहा कि आपका केस इमरजेंसी का नहीं है। अभी यही डेट मिलेगा। ज्यादा दिक्कत है तो प्राइवेट में जाकर टेस्ट कराओ।
सर्जरी पूर्व एमआरआई के लिए मिला जुलाई 2024 का डेट
ऐसा ही एक मामला गुलाम महबूब नामक शख्स के साथ दिसंबर में हुआ था। गुलाम महबूब को सर्जरी करानी थी। उन्होंने एमआरआई के लिए लोक नायक हॉस्पिटल में अर्जी डाली थी। जहां उन्हें जुलाई 2024 का डेट मिला था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के दखल के बाद गुलाम महबूब की सर्जरी जनवरी में होनी तय हुई।
कैंसर मरीज कमलेश को 2024 का मिला डेट
सूरज और गुलाम महबूब जैसी कहानी कई मरीजों की है। लोगों को टेस्ट और स्कैन के लिए तीन से चार साल बाद का नंबर मिल रहा है। लोक नायक हॉस्पिटल के कैंसर मरीज कमलेश ने बताया कि मुझे एमआरआई टेस्ट के लिए 2024 का डेट मिला है। एम्स के एक मरीज विजयंता पाठक ने बताया कि मुझे एमआरआई के लिए दो जनवरी 2024 का नंबर मिला है।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी, डॉक्टर बोलें- उपकरण और प्रशिक्षित कर्मियों की कमी से देरी
इस मामले में दिल्ली सरकार और लोकनायक हॉस्पिटल के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अधिकारी भी इस मामले में कमेंट से बचते दिखे। हालांकि हॉस्पिटल के कुछ सीनियर डॉक्टरों ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि जांच में इतनी देरी मशीन और प्रशिक्षित कर्मियों की कमी के कारण हो रही है।
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