पदोन्नति को लेकर व्यवस्था
– पदोन्नति एक समिति के द्वारा दी जाएगी, जिसकी अध्यक्षता कुलपति करेंगे।
– इस समिति में विषय के संबंधित विशेषज्ञ, राज्यपाल के द्वारा मनोनीत सदस्य और विश्वविद्यालय के मनोनीत सदस्य शामिल होंगे।
– विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
– शिक्षकों को यह पदोन्नति शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर दिया जाएगा, जिसमें रिसर्च, रिसर्च पत्र के प्रकाशन, पुस्तकों के लेखन, शैक्षणिक उत्तरदायित्व व अकादमिक कार्यों के अंकों को भी शामिल किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने राज्यपाल को भेजा था पत्र
इस पदोन्नति को लेकर शिक्षा विभाग ने राज्यपाल व कुलाधिपति के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू को पत्र भेजा था। यह पत्र शिक्षा विभाग के सचिव के हस्ताक्षर के साथ भेजा गया था। इस पत्र के जरिए शिक्षा विभाग ने करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति देने के प्रस्ताव में राज्यपाल की सहमति मांगी थी। अब इस स्कीम के तहत पदोन्नति देने के प्रस्ताव को राज्य के मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा।
क्या है करियर एडवांसमेंट स्कीम, जिसके तहत दी जाएगी पदोन्नति
करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों के रिसर्च पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत पदोन्नति में शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के कार्यों की जवाबदेही, रिसर्चस के रिसर्च के दौरान शिक्षकों का व्यवहार, पुस्तकों के लेखन और UGC की गाइडलाइन को प्राथमिकता दी जाएगी।