
Pegasus Spyware Case Supreme Court Extended Tenure Of The Inquiry Committee By 4 Weeks
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर शुक्रवार को अहम सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने बड़ा कदम उठाते हुए जांच कर रही जस्टिस रवींद्रन समिति का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके तहत अब इस मामले की जांच कर रही समिति के कार्यकाल में कुल चार हफ्तों का इजाफा किया गया है। तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी सीजेआई एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली ने इस मामले पर सुनवाई की। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तकनीकी कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ समय मांगा था। इसको देखते हुए पीठ ने जांच समिति के कार्यकाल को करीब एक महीने यानी चार हफ्तों का और वक्त दिया है।
अब जुलाई में होगी इस मामले की सुनवाई
पेगासस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी के बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई भी एक महीना आगे बढ़ गई है। कोर्ट के मुताबिक अब इस मामले में अगली सुनवाई जून के बाद यानी जुलाई के महीने में शुरू होगी।
दरअसल, इस मामले में कुछ अन्य बिंदुओं का विश्लेषण किया जाना बाकी है। ऐसे में समिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से और वक्त मांगा गया है।
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बता दें कि समिति ने 18 अप्रैल को सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या उन्होंने इस्राइल का पेगासस स्पाईवेयर खरीदा था? इसको लेकर अभी कोर्ट के पास पूरी रिपोर्ट नहीं पहुंची है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल इजरायल सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए देश में करीब 1400 लोगों की जासूसी कराने का आरोप है। इसमें ये दावा किया गया था कि 2019 में मोबाइल फोन या सिस्टम और लैपटॉप के माध्यम से सरकार ने करीब 1400 लोगों की जासूसी कराई थी।
अबतक 29 मोबाइल की जांच
कमिटी ने बताया है कि अब तक 29 मोबाइल की जांच की जा चुकी है। इस दौरान कई लोगों से बात भी की गई है। समिति के मुताबिक मई के अंत तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।
ये लोग थे शामिल
जिन लोगों की सरकार की ओर से जासूसी कराई गई थी, उनमें 40 बड़े पत्रकार, विपक्षी नेता, केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी, उद्योगपति शामिल हैं।
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Updated on:
20 May 2022 01:11 pm
Published on:
20 May 2022 11:57 am
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