19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Pitru Paksha 2025 : कोटा क्षेत्र से गया के लिए चली सीधी ट्रेन, एमपी-यूपी भी आएंगे नेटवर्क में

रेलवे ने पितृ पक्ष पर बिहार, राजस्थान, एमपी और यूपी के यात्रियों को बड़ा तोहफा दिया है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashish Deep

Aug 21, 2025

Gaya Pitru Paksha Special Train

Gaya से सोगरिया के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी। (फोटो-@Indian Railways)

पितृपक्ष और त्योहारी सीजन में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने मध्य प्रदेश और बिहार के बीच एक और स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। यह ट्रेन राजस्थान के कोटा को भी टच करेगी। रेलवे के मुताबिक यह नई सोगरिया–गयाजी स्पेशल ट्रेन कोटा क्षेत्र को सीधे गया (बिहार) से जोड़ेगी। इससे हजारों यात्रियों को सहूलियत होगी।

कब और कैसे चलेगी ट्रेन

1; सोगरिया – गयाजी स्पेशल (डाउन) : 6 सितंबर की रात 11.10 बजे सोगरिया (कोटा के पास) से रवाना होगी और अगले दिन गयाजी पहुंचेगी।
2; गयाजी – सोगरिया स्पेशल (अप) : गयाजी से 7 सितंबर को रात 1.15 बजे चलेगी और अगले दिन सोगरिया पहुंचेगी।
3; फ्रीक्वेंसी : यह ट्रेन सोगरिया से 6, 13 और 20 सितंबर को चलेगी। जबकि वापसी में 7, 14 और 21 सितंबर को जाएगी।
4; कोच : इस ट्रेन में स्लीपर, सामान्य (अनारक्षित) और एसी क्लास के डिब्बे होंगे।

किन-किन स्टेशनों पर रुकेगी

मध्य प्रदेश / राजस्थान सेक्टर : सोगरिया (कोटा क्षेत्र), रामगंज मंडी
उत्तर प्रदेश सेक्टर : चित्रकूट धाम करवी, बांदा, माणिकपुर, प्रयागराज / चेकी, वाराणसी / मंडुआडीह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय)
बिहार सेक्टर : बक्सर, आरा, दानापुर/पटना जंक्शन, जहानाबाद, गया जंक्शन

यात्रियों के लिए जरूरी जानकारी

रेलवे नियमों के अनुसार ट्रेन में आरक्षण, तत्काल और रियायतें लागू रहेंगी। अनारक्षित डिब्बों में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर यात्रा करनी होगी। भीड़ की संभावना को देखते हुए यात्रियों को स्टेशन समय से पहले पहुंचने की सलाह दी गई है।

डिमांड बढ़ने पर फेरे बढ़ा सकता है रेलवे

रेलवे का कहना है कि इस नई स्पेशल ट्रेन से मध्य भारत और गया/पटना बेल्ट के बीच सीधी और आरामदायक कनेक्टिविटी मिलेगी। श्रद्धालुओं और त्योहार पर घर लौटने वालों के लिए यह ट्रेन उपयोगी होगी। मांग बढ़ने पर रेलवे इस ट्रेन की फ्रीक्वेंसी और डिब्बों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है।