30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार चुनाव से ठीक पहले औंटा-सिमरिया महासेतु की सौगात, क्या है राजनीतिक मायने? पीएम मोदी बोले- हर संकल्प…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोधगया पहुंचे और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि बिहार चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य की धरती है और देश की रीढ़ की हड्डी की तरह खड़ा रहा है। पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को पूरा करने का भी जिक्र किया।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Mukul Kumar

Aug 22, 2025

औंटा-सिमरिया महासेतु। (फोटो- X/@airnewsalerts)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के बोधगया पहुंच चुके हैं। चुनावी साल में उनकी यह यात्रा बेहद खास है। उन्होंने इस यात्रा के दैरान बिहार को करोड़ो रुपये की सौगात दी है।

गया में मंच से पीएम मोदी ने कहा कि बिहार चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य की धरती है। बिहार हर समय देश की रीढ़ की हड्डी की तरह खड़ा रहा है। इस पावन धरती पर लिया गया हर संकल्प देश की शक्ति है और व्यर्थ नहीं जाता।

उन्होंने आगे कहा कि जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, तब मैंने प्रण लिया था कि इस धरती से आतंकवादियों को धूल चटा दूंगा। दुनिया ने उस संकल्प को पूरा होते देखा है।

दो जिलों को जोड़ता है महासेतु

पीएम मोदी अब थोड़ी देर में पटना जिले के मोकामा के लिए रवाना होंगे। यहां वह 8.15 किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया महासेतु का उद्घाटन करेंगे।

बता दें कि यह महासेतु मोकामा के औंटा और बेगूसराय जिले के सिमरिया को जोड़ता है। इसके तैयार होने से दो जिलों के बीच कनेक्टिविटी सीधे बढ़ जाएगी।

गंगा नदी के ऊपर औंटा-सिमरिया महासेतु को बनाने में लगभग 1,870 करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए हैं। नए पुल के बनने से आम जनता को काफी फायदा होगा। मोकामा-सिमरिया को जोड़ने के लिए अब तक सिर्फ एक ही रेल-सह-सड़क पुल राजेंद्र सेतु था, जो दो लेन का था।

नए पुल से क्या होगा फायदा?

नए पुल का अधिक लाभ भारी वाहनों को मिलने वाला है। इसके बनने से उत्तर बिहार (बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, पूर्णिया, अररिया) और दक्षिण बिहार (शेखपुरा, नवादा, लखीसराय) के बीच दूरी 100 किलोमीटर तक घट जाएगी।

इसके साथ, अब से भारी वाहनों को ट्रैफिक जाम की समस्या का भी समाना नहीं करना होगा। पहले डायवर्जन के कारण गाड़ियों की लंबी लाइन लग जाती थी।

यह पुल खासकर उत्तर बिहार की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा, जो जरूरी कच्चे माल के लिए झारखंड और दक्षिण बिहार पर निर्भर रहते हैं।

क्या है राजनीतिक मायने?

अब एनडीए सरकार जाहिर तौर पर बिहार चुनाव में इस पुल के जरिये राजनीतिक लाभ लेना चाहेगी। चुनाव से ठीक पहले नए पुल का उद्घाटन करके उत्तर और दक्षिण बिहार के लोगों को एकसाथ भुनाने की कोशिश की गई है।

पीएम मोदी ने बिहार दौरे से पहले इस पुल को लेकर एक ट्वीट भी किया था। जिसमें लिखा कि औंटा-सिमरिया पुल एक ऐतिहासिक परियोजना है, जो उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी! पीएम मोदी ने इसके साथ एक वीडियो भी शेयर किया था।

दरभंगा एम्स की मिली थी सौगात

प्रधानमंत्री का यह दौरा राजनीतिक रूप से ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है जब सभी दल 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं।

इससे पहले, पीएम मोदी ने 13 नवंबर, 2024 को बिहार के लिए बड़ी घोषणा की थी। वह दरभंगा पहुंचे और वहां करीब 12,100 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था।

इस दैरान पीएम मोदी ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला भी रखी थी। मंच से लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि बिहार में बाढ़ को रोकने के लिए उनकी सरकार 11 हजार करोड़ रुपये की परियोजना चला रही है।