पीएम मोदी ने कहा कि “नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और सम्प्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आजाद सरकार का स्थापित किया, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट पर स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम की जगह ग्रेनाइड की प्रतिमा लेगी।”
ओडिशा के प्रसिद्ध मूर्तिकार बना रहे नेताजी की प्रतिमा:
नेताजी की प्रतिमा जब तक तैयार नहीं हो जाती, तब तक उसकी जगह होलोग्राम मूर्ति उसी जगह स्थापित रहेगी। खास बात ये है कि 28 फीट ऊंची ग्रेनाइट से बनने वाली इस प्रतिमा को ओडिशा के प्रसिद्ध मूर्तिकार अद्वैत गडनायक बना रहे हैं। नेताजी की प्रतिमा इंडिया गेट पर बनी छतरी में लगाई जाएगी।
तेलंगाना का पत्थर होगा इस्तेमाल:
अद्वैत ने बताया कि नेताजी की प्रतिमा 28 फीट ऊंची होगी। यह जेट ब्लैक ग्रेनाइट में उकेरी जाएगी। यह पत्थर तेलंगाना के खम्मम जिले से लाया जाएगा। इसी जगह से राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के लिए पत्थर लाया गया था।
कैसी है होलोग्राम प्रतिमा:
नेताजी की इस होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90 फीसदी पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है की ये सामने से आसानी से नजर नहीं आयेगी। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए उस पर नेताजी की (3D Image) थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है।
जॉर्ज पंचम की प्रतिमा वाले स्थान पर लगेगी नेता जी की भव्य प्रतिमा :
सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उस छतरी में लगेगी जहां पहले जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी। जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को 1968 में हटा दिया गया था, तब से यह छतरी खाली पड़ी है। ये जगह इंडिया गेट से करीब 150 मीटर दूर पूर्व में में है।साल 1936 में इसका निर्माण जॉर्ज पंचम के सम्मान में किया गया था। वह उस समय भारत के सम्राट हुआ करते थे। कैनोपी के नीचे उन्हीं की प्रतिमा हुआ करती थी।
अमर जवान ज्योति का वॉर मेमोरियल की ज्योति में विलय:
वहीं शुक्रवार को दिल्ली में 50 साल से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल की ज्योति में विलीन कर दिया गया है। अमर जवान ज्योति को पूरे सैन्य सम्मान के साथ मशाल के जरिए वॉर मेमोरियल ले जाया गया। जहां वॉर मेमोरियल पर प्रज्ज्वलित ज्योति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
क्या होता है होलोग्राम:
होलोग्राम या होलोग्राफी को साधारण भाषा में समझें तो इसे थ्रीडी चित्र कहा जा सकता है, इसकी खासियत होती है कि इसे स्टेटिक किरणों के जरिए प्रस्तुत किया जाता है। असल में कोई सॉलिड (फिजिकल) चीज मौजूद नहीं होती। यानी इस टेक्नोलॉजी के जरिए किसी ऐसे शख्स या वस्तु को ऐसी जगह पर दिखाया जा सकता है, जहां वह स्वयं मौजूद नहीं है।
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23 जनवरी से शुरू होगा गणतंत्र दिवस समारोह:
इससे पहले केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब 24 जनवरी की बजाय 23 जनवरी से होगी। यह फैसला नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करने के उद्देश्य से किया गया। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।
नेताजी के जन्मदिवस को प्रराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा:
भारत सरकार ने पिछले साल को ये घोषणा की थी कि हर साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को प्रराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके पीछे का मकसद था कि देश के लोग, खासतौर पर युवाओं के भीतर नेताजी की तरह ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करने और उनमें देशभक्ति की भावना का संचार हो सके।