
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन यानी एससीओ समिट को संबोधित किया है। शुक्रवार को उन्होंने नए साझेदार के तौर पर ईरान का स्वागत भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कट्टरपंथ का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती शांति, सुरक्षा और भरोसा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दुनियाभर में कट्टरपंथ तेजी से बढ़ रहा है। अफगानिस्तान में हाल ही में हुई घटनाओं ने इस चुनौती को और बढ़ा दिया है। जिस समय प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान के मुद्दे का जिक्र कर रहे थे, तब उस बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यदि हम इतिहास पर नजर डालें तो देखते हैं कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट और प्रोग्रेसिव कल्चर और मूल्यों को गढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सूफीवाद जैसी परंपराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र तथा विश्व में फैली। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में शंघाई सहयोग संगठन के लगभग सभी देशोंं में इस्लाम से जुड़ी मॉडरेट, टॉलरेट और इन्क्लूसिव आर्गनाइजेशन और कल्चर हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए भी काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में मैं एससीओ के रैट्स मैकेनिज्सम की ओर से किए जा रहे उपयोगी कार्य की प्रशंसा करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। मैं बातचीत के लिए नए साझेदारों जिनमें सऊदी अरब, मिस्र, ईरान और कतर शामिल हैं, का भी स्वागत करता हूं। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ में आठ सदस्य देश शामिल हैं। इनमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं। ताजिकिस्तान इस समूह का वर्तमान अध्यक्ष है।
Updated on:
17 Sept 2021 04:29 pm
Published on:
17 Sept 2021 01:45 pm
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