
सीएम के. चंद्रशेखर राव और बेटी के.कविता (Photo- IANS)
Power struggle in the BRS: तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में सत्ता का संघर्ष अब खुलकर पिता के उत्तराधिकार के पारिवारिक टकराव में बदल गया है। पार्टी प्रमुख और पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी के.कविता खुद को लगातार दरकिनार किए जाने से नाराज हैं, जबकि संगठन की बागडोर थामे हुए कविता के भाई केटी रामाराव (केटीआर) खुद को मजबूत करने में जुटे हैं। आइए, जानते हैं कि कैसे सामने आया यह टकराव और क्या है इसकी दशा-दिशा।
कविता ने हाल में पिता केसीआर को 6 पेज की चिट्ठी लिखी, जिसमें संगठनात्मक अनदेखी, पार्टी की कमजोर नीतियां और भाजपा पर नरमी को लेकर असहमति जताई। कविता का आरोप है कि केसीआर को 'शैतानों' ने घेरा हुआ है, इसे केटीआर, हरीश राव और संतोष कुमार पर निशाना माना जा रहा है।
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद बीआरएस ने उनका पर्याप्त बचाव नहीं किया। सिर्फ एमएलसी पद देकर बाकी जिम्मेदारियों से दूर रखा गया। उनके कार्यक्रमों से पार्टी नेताओं ने दूरी बनाई जबकि केटीआर को तरजीह दी गई। भाजपा पर केसीआर ने नरम रुख रखा।
कविता के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं। अटकलें यह भी हैं कि कविता ‘तेलंगाना जागृति’ के जरिए अपनी नई पार्टी लॉन्च कर सकती हैं। 'तेलंगाना जागृति' के मंच से उन्होंने 'सामाजिक तेलंगाना' की मांग की जो सीधे केसीआर के शासन मॉडल पर हमला माना गया।
केटीआर ने नाम लिए बिना कहा कि पार्टी में 'सीएम रेवंत रेड्डी के कवर एजेंट' हो सकते हैं। इसे कविता पर तंज समझा गया। उधर, केसीआर फिलहाल पूरे प्रकरण में चुप हैं। वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार कविता दबाव बनाना जारी रखेंगी। इस बीच, केटीआर को औपचारिक उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। पार्टी में टूट की आशंका बनी हुई है, जिसे विपक्ष भुनाने की कोशिश में है।
Updated on:
01 Jun 2025 09:40 am
Published on:
01 Jun 2025 06:43 am
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