
उत्तर प्रदेश में सभी ज़िलों के प्रवेश द्वार पर ‘सेफ सिटी’ का बोर्ड लगा कर विशिष्ट ब्राण्डिंग करने की तैयारी
अनुराग मिश्रा
नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक उच्च स्तरीय बैठक में ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की गई। ‘सेफ सिटी परियोजना’ की सफलता में जनसहयोग से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से CCTV लगाने की बात कही गई। सीएम आदित्यवनाथ ने कहा कि जहां ज़रूरत हो, वहां नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अथवा स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा सी0सी0टी0वी0 लगाए जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस थानों को अगले 01 सप्ताह के भीतर सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है।
प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाना है। जबकि दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे सभी ज़िलों के प्रवेश द्वार पर ‘सेफ सिटी’ का बोर्ड लगा कर इसकी विशिष्ट ब्राण्डिंग भी की जानी चाहिए। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा। उत्तर प्रदेश में सेफ़ सिटी परियोजना के तहत 7600 से ज़्यादा CCTV कैमरे लगाए जाने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है। हमें इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग जनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए। सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजन के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को आवश्यक तेजी मिलेगी।
Published on:
25 Aug 2023 09:17 pm
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