
Presidential poll shivsena support draupadi murmu, after NCP congress objects
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रपति चुनावों में उनकी पार्टी NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। इस समर्थन के पीछे उन्होंने तर्क दिया कि वो NDA की बजाय आदिवासी उम्मीदवार का समर्थन कर रही। उन्होंने अपने बयान में कहा कि “मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कियेपहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।” उद्धव के इस स्टैंड के बाद से महाविकस आघाडी गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है। NCP के बाद अब कांग्रेस ने भी शिवसेना के स्टैंड पर आपत्ति जताई है।
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, "संविधान और लोकतंत्र का समर्थन करने वाला हर कोई राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहा है। हमें नहीं पता कि शिवसेना द्रौपदी मुर्मू का समर्थन क्यों कर रही है। हालांकि, शिवसेना MVA का हिस्सा है, लेकिन उसने हमसे इसपर कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।"
इससे पहले एनसीपी ने दबाव बनाने का प्रयास किया था। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा था कि 'शिवसेना ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला नहीं लिया है। एनसीपी नहीं चाहती कि शिवसेना MVA से अलग होकर अपना रास्ता बनाए।' इस बयान को शिवसेना पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, इसके बावजूद शिवसेना ने अपना स्टैंड नहीं बदला है।
शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिए जाने के फैसले को पिछले कुछ दिनों में हुए घटनाक्रमों से जोड़कर देखा जा रहा है। शिवसेना में हुई बड़ी टूट से उद्धव ठाकरे डरे हुए हैं और फिलहाल कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। अब ये लड़ाई गठबंधन से अधिक पार्टी को बचाने पर फोकस होते दिखाई दे रही है।
Published on:
12 Jul 2022 11:35 pm
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