
लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी। (फोटो : X Handle/ Supriya Shrinate)
Lighthearted Political Interaction: राजनीति में जब दो धुर विरोधी दलों के दिग्गज मिलते हैं, तो अक्सर कड़वाहट की उम्मीद की जाती है। लेकिन संसद भवन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की मुलाकात (Priyanka Gandhi Nitin Gadkari Meet) ने एक अलग ही माहौल बना दिया। इस मुलाकात के दौरान न केवल काम की बातें हुईं, बल्कि हंसी-ठिठोली और लजीज खान-पान का ऐसा तड़का लगा कि संसद के गलियारों में भी इसकी चर्चा होने लगी। यहां इस 'मीठी मुलाकात' की पूरी चटपटी कहानी पेश है:
इस दिलचस्प बातचीत की शुरुआत लोकसभा के अंदर प्रश्नकाल से हुई। वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने जब चंडीगढ़-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन (Landslide) की समस्या उठाई, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए गडकरी से एक 'शिकायत' भी कर दी। प्रियंका ने कहा, "सर, मैं जून से आपसे मिलने का वक्त मांग रही हूं, लेकिन समय मिल नहीं रहा।" इस पर गडकरी ने अपने बिंदास अंदाज में जवाब दिया, "आप कभी भी आ जाइए, मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं। आपको अपॉइंटमेंट की क्या जरूरत? आप सदन खत्म होते ही दफ्तर पहुंचिए।"
जैसे ही सदन की कार्यवाही स्थगित हुई, प्रियंका गांधी वायनाड की सड़कों से जुड़ी फाइलों का बंडल लेकर नितिन गडकरी के दफ्तर पहुंच गईं। वहां औपचारिक बातचीत शुरू हुई ही थी कि गडकरी ने एक ऐसा मजाक किया कि प्रियंका भी अपनी हंसी नहीं रोक पाईं।
गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा, "प्रियंका जी, इससे पहले राहुल (गांधी) के साथ बैठ कर अमेठी की सड़कों पर लंबी चर्चा हुई थी और मैंने उनका काम भी किया था। अब अगर आपका काम नहीं किया, तो दुनिया कहेगी कि भाई की बात तो मान ली, लेकिन बहन की नहीं!" गडकरी की इस 'भाई-बहन' वाली गुगली पर कमरे में मौजूद सभी अफसरों और नेता ठहाके लगाने लगे।
नितिन गडकरी अपनी मेहमान नवाजी के लिए जाने जाते हैं। प्रियंका गांधी के लिए उन्होंने खास मराठी व्यंजन (डिश) मंगवाई। चर्चा वायनाड की 6 बड़ी सड़क परियोजनाओं पर थी, लेकिन माहौल बिल्कुल घरेलू था। गडकरी ने प्रियंका को विश्वास दिलाया कि विकास के काम में राजनीति आड़े नहीं आएगी। उन्होंने मजाक-मजाक में यह भी कह दिया कि सड़क बनाने का मेरा रिकॉर्ड ऐसा है कि विरोधी भी तारीफ करते हैं।
मुलाकात के दौरान प्रियंका ने वायनाड में कनेक्टिविटी और सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से रखा। गडकरी ने उन्हें बताया कि केंद्र सरकार पहाड़ों पर लैंडस्लाइड रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने वायनाड के प्रस्तावों को गंभीरता से लेते हुए उन पर तुरंत कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो 'राजनीतिक सौहार्द' की मिसाल के तौर पर वायरल हो रहे हैं। जहां टीवी डिबेट्स में दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर बरसते दिखते हैं, वहीं संसद के दफ्तर में गडकरी और प्रियंका की यह 'चाय पर चर्चा' बताती है कि निजी रिश्तों और देश के विकास के लिए अभी भी भारतीय राजनीति में गरिमा बची हुई है।
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Published on:
18 Dec 2025 09:25 pm
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