
मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में मणिपुर पिछले 5 महीने से जल रहा है। हिंसा का ताजा घटना राज्य के इम्फाल पश्चिम जिले में हुई है। जानकारी के मुताबिक, यहां कम से कम दो घरों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी गई। आगजनी के दौरान कई राउंड गोलियां चलने की भी सूचना है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह वारदात बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को हुई। रात के करीब 10 बज रहे होंगे जब पाटसोई पुलिस थाना क्षेत्र के न्यू कीथेल्मनबी में इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस के मुताबिक हमले के बाद आरोपी मौके से भाग गए। जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया है।
मैतेई महिलाओं ने सुरक्षाबलों को आगे बढ़ने से रोक दिया
पुलिस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा के बाद सुरक्षाबलों और अग्निशमन सेवा कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। घटना के बाद इलाके में जमा हुई मैतेई महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षाबलों ने आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
क्यों हिंसा से जल रहा है मणिपुर?
बता दें कि मणिपुर हाईकोर्ट के दिए एक फैसले के बाद से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय झड़पें शुरू हो गई थी। अब तक इस हिंसा में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई। जबकि सैंकड़ों लोग घायल हो गए। मणिपुर की आबादी में मैतई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी - नागा और कुकी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और ये लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।
Published on:
05 Oct 2023 03:42 pm
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